राणा प्रताप बाग में स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का हुआ उद्घाटन

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (28/03/2023): दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी मार्लोना ने आज यानी सोमवार को राणा प्रताप बाग में नए डॉ. बी आर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने वहां पर मौजूद सभी लोगों को बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली की शिक्षा क्रांति ने ग़रीब बच्चों को एक नई उम्मीद दी है।

उन्होंने अपने संबोधन में सभी को बधाई देते हुए कहा कि “इस बात की मुझे और भी खुशी हैं क्योंकि इस देश में जहां पर हम रहते हैं एक तरह से पिछले 8 साल में अरविंद केजरीवाल जी की सरकार बनने से पहले ना सिर्फ दिल्ली में बल्कि पूरे देश में सरकारी स्कूलों को लेकर एक मान्यता थी। ऐसा माना जाता था कि जिसके पास भी कुछ पैसे है वह अपने बच्चों को एक प्राइवेट स्कूल में भेजेगा उस प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के बाद शिक्षा लेने के बाद जो प्राइवेट स्कूल की महंगी फीस दे सकता है उसके बच्चों को तो अच्छी शिक्षा मिलेगी और वो वहां से एक अच्छे कॉलेज में जाएंगे उसके बाद एक अच्छी नौकरी करेंगे। लेकिन जो एक गरीब परिवार है जिसके पास महंगे-महंगे प्राइवेट स्कूल की फीस देने के लिए पैसे नहीं है उसको मजबूरी में अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजना पड़ेगा।”

उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि “आंकड़े दिखाते हैं कि अगर कोई बच्चा सरकारी स्कूल में एडमिशन लेता है तो 50% से ज्यादा चांस है कि वह बारहवीं तक भी अपनी स्कूल की पढ़ाई खत्म नहीं कर पाएगा। अगर पढ़ाई खत्म भी कर लेते थे तो कोई किसी दुकान में नौकरी कर रहा है, कोई मैकेनिक के तौर पर नौकरी कर रहा है मैं यह नहीं कहती कि मैकेनिक की नौकरी करना और दुकान में नौकरी करना किसी और नौकरी से कम है। हमें समाज में हर प्रकार के काम करने हैं लेकिन ये नौकरी करना किसी बच्चे की मजबूरी नहीं होनी चाहिए ये हम सबके लिए और इस देश के लिए जरूरी है यही हमारे देश की सच्चाई थी कि अगर कोई बच्चा गरीब परिवार में पैदा होता था तो शायद उसको आगे जाकर अवसर नहीं मिलते थे। जो अमीर के परिवार में पैदा होता था वह आगे जाकर अमीर बनता था।”

उन्होंने आगे कहा कि “लेकिन आज ना सिर्फ दिल्ली में बल्कि पूरे देश में लाखों करोड़ों बच्चों को जो एक आम परिवार से आते हैं एक गरीब परिवार से आते हैं आज उनको एक उम्मीद मिली है। उनको उम्मीद मिली है कि ना सिर्फ हम सपने देख सकते हैं बल्कि हमारे सपने सच भी हो सकते हैं और यह उम्मीद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने और दिल्ली की शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया जी ने दी है। आज एक गरीब परिवार का बच्चा भी सोचता है कि मैं आईआईटी में एडमिशन ले सकता हूं, मैं मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले सकता हूं, मैं इस देश की सबसे बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटियों में एडमिशन ले सकता हूं, मैं अपना बिजनेस सेटअप कर सकता हूं और मैं किसी बड़ी से बड़ी कंपनी का सीईओ बन सकता हूं। आज इस देश का इस शहर का एक आम बच्चा ना सिर्फ सपने देख सकता है उन सपनों को साकार भी कर सकता है ये दिल्ली की शिक्षा क्रांति है।”

उन्होंने आगे कहा कि “हर साल दिल्ली के सरकारी स्कूलों से एक हजार से ज्यादा बच्चे JEE-NEET का एग्जाम क्लियर करके नीट का एग्जाम क्लियर करके देश के सबसे बड़े-बड़े इंजीनियरिंग कॉलेजेस और मेडिकल कॉलेजेस में एडमिशन लेते हैं। आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जो बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम चलता है वहां से निकलकर बच्चे अपने बिजनेस सेटअप कर रहे हैं और इंडिपेंडेंट इन्वेस्टर उसमें लाखों रुपए का इन्वेस्टमेंट्स कर रहे हैं। आज दिल्ली में रहने वाले माता-पिता ये सोचते हैं कि हम प्राइवेट स्कूल से निकालकर अपने बच्चों का दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा सकते हैं ये है दिल्ली के शिक्षा क्रांति।”

उन्होंने कहा कि “एक वो ज़माना था जब प्राइवेट स्कूल के दाखिले खुलते थे तो 1 किमी लंबी लाइन लगती थी, हजारों लोग सरकारी स्कूल से नाम कटवाते थे। एक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ज़माना है। यहां 4,400 सीटों के लिए 92,000 आवेदन आए हैं।”