दिल्ली की सरकार को काम नहीं करने देना चाहती है केंद्र सरकार: कैलाश गहलोत, वित्त मंत्री, दिल्ली

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (21/03/2023): दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली का बजट रोके जाने को लेकर आज यानी मंगलवार को मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) पर आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनी हुई सरकार को बजट पेश करने से रोका जा रहा है।

दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने मीडिया को संबोधित कहा कि आज दिल्ली का नौवां बजट पेश होना था लेकिन कल शाम को केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि 10 मार्च को दिल्ली सरकार ने पूरा बजट MHA को भेज दिया था। कल लगभग 2:00 बजे के आसपास मुझे पता चलता है कि यह बजट MHA ने कुछ क्वेरी रेज की है और बजट को अप्रूव नहीं किया है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस और चीफ सेक्रेटरी से बात की तो पता चला कि 17 मार्च को ईमेल के द्वारा चीफ सेक्रेटरी को MHA के द्वारा एक चिट्ठी आती है। लेकिन ये काफी आश्चर्यजनक है कि इस चिट्ठी का फाइनेंस मिनिस्टर को 20 मार्च को 2:00 बजे पता चलता है। कल मैंने प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस और चीफ सेक्रेटरी से दो-तीन बार बात किया कि जो चिट्ठी आई है उसे आप पेश तो करें, फाइनेंस मिनिस्टर और सरकार को पुट अप तो करें। शाम को 6:00 बजे ये पुट अप होती है और तुरंत जो क्वेरी MHA ने रेज की उसका जवाब बनाया। रात को 9:00 बजे सीएम साहब के पास जाकर उस फाइल को अप्रूव करवाया। उसके तुरंत बाद एलजी साहब के पास फाइल भेजा गया। रात 10:30 और 11:00 बजे के आसपास फाइल वापस आती है और प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस के पास भेजा जाता है। सुबह 8:00 और 9:00 बजे के बीच में दोबारा मेल के द्वारा MHA को भेज दिया गया है और फिजिकल फाइल भी MHA को भेज दिया गया है। अभी तक हमें कोई सूचना नहीं मिली है।

उन्होंने आगे कहा कि मेरे ख्याल से इससे बड़ा असंवैधानिक अधिनियम (Unconstitutional Act) एक डेमोक्रेटिक सेटअप में मैंने कभी ना देखा और सुना है। पहली बार देश के इतिहास में ऐसा हो रहा है कि एक चुनी हुई सरकार को बजट पेश करने नहीं दिया जा रहा है।इसके पीछे मंशा साफ है कि दिल्ली सरकार को काम बिल्कुल नहीं करने देना। अगर बजट पेश नहीं होता है तो सबकी वेतन तक रुक जाएगी और दिल्ली में कोई काम नहीं हो पाएगा। दो करोड़ दिल्ली के लोग जो एक बार नहीं बल्कि तीन बार जिस पार्टी को चुनकर सदन में भेजा वो पार्टी को अगर बजट भी अपना पेश नहीं करने दिया जा रहा है तो इससे ज्यादा घोर अन्याय और कुछ नहीं हो सकता है।