माईग्रेन सबसे आमतौर से पाए जाने वाले सरदर्दों में से एक है। लैंसेट के एक अध्ययन के मुताबिक इससे भारत में एक साल में 213 मिलियन लोग प्रभावित होते हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत मामले महिलाओं में देखने को मिलते हैं। गाजियाबाद स्थित मणिपाल अस्पताल, डॉ निकुंज मित्तल, सलाहकार न्यूरोसर्जन बताते हैं, “माईग्रेन में सिर के एक हिस्से में बहुत ज्यादा दर्द होता है, और ऐसा महसूस होता है कि सिर के अंदर दर्द की लहरें चल रही हैं। यह दर्द हल्का, मध्यम या बहुत तेज हो सकता है, तथा लगातार बना रह सकता है, या समय-समय पर हो सकता है।“
माईग्रेन को सहना बहुत मुश्किल होता है। प्रि और पोस्ट माईग्रेन के अनेक लक्षण हो सकते हैं। कुछ आम लक्षणों में हैंः
- मितली आना।
- चक्कर आना।
- फोटोसेंसिटिविटी।
- आवाज के प्रति सेंसिटिविटी।
- पुराना दर्द।
माईग्रेन के कुछ कारणों में हैंः
- मौसम में अचानक बदलाव, बैरोमीट्रिक दबाव, प्रदूषित हवा, ज्यादा तीव्रता की शारीरिक गतिविधियाँ, या असामान्य गंध के कारण माईग्रेन का सिरदर्द हो सकता है।
- डिहाईड्रेशन सिरदर्द का सबसे आम कारण है। शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाईट्स की कमी से थकान और अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। माईग्रेन सिरदर्द के साथ यह चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल भी उत्पन्न करता है।
- कैफीनयुक्त ड्रिंक लेने, मदिरासेवन, ऊँचाई पर जाने, या डायबिटीज़ जैसी बीमारी के कारण भी डिहाईड्रेशन और माईग्रेन का सिरदर्द हो सकता है।
- लंबे समय तक तनाव रहने से भी मस्तिष्क की संरचना और कार्य में भौतिक परिवर्तन हो सकता है। बहुत ज्यादा तनाव बने रहने से मस्तिष्क लंबे समय तक सतर्क बना रहता है, जिसके कारण चिंता और घबराहट उत्पन्न हो सकते हैं। इसकी वजह से माईग्रेन का सिरदर्द और अन्य बीमारियाँ हो सकती है।
- माईग्रेन अनुवांशिक भी होता है, और यदि माता-पिता में से किसी एक या दोनों को माईग्रेन है, जो इसके होने की संभावना 50 प्रतिशत बढ़ जाती है।
- अन्य बीमारियों और दुर्घटनाओं, जैसे मस्तिष्क में चोट, स्ट्रोक, और संक्रमण के लक्षणस्वरूप भी माईग्रेन हो सकता है। ये बीमारियाँ मस्तिष्क में असामान्य गतिविधि पैदा करती हैं, जिससे नसों के सिग्नल और मस्तिष्क में रक्तवाहिनियाँ प्रभावित होती हैं