टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (27/02/2023): दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक CBI रिमांड पर भेज दिया है। वहीं इस मामले में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि CBI को मनीष के ऑफिस-घर, गांव में रेड मारने पर कुछ नहीं मिला और 5 दिन में भी कुछ नहीं मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पॉलिसी पर आख़िरी मोहर एलजी ने लगाई तो एलजी से पूछताछ क्यों नहीं हो रही? साफ़ है मनीष सिसोदिया को फंसाने के लिए ही साज़िश रची है। इसके अलावा उन्होंने अडानी मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने आज राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और कोर्ट के सामने दलील रखी गई कि मनीष सिसोदिया जी को रिमांड पर दिया जाए। कोर्ट ने बार-बार पूछा कि जब पहली बार आपने मनीष सिसोदिया को बुलाया और वो आ गए और आपने कल भी बुलाया तब भी वह आ गए और आपने पूछताछ की तो फिर आपको 5 दिन किसलिए चाहिए। सीबीआई के पास कोई जवाब नहीं था उन्हें बस 5 दिन चाहिए। आज सीबीआई जबरदस्ती की रिमांड लेने पर अड़ी रही और कोर्ट ने रिमांड 5 दिन के लिए दी है।”
उन्होंने कहा कि “जिस तरह से आज तक मनीष सिसोदिया जी के घर पर छापा मारने के बाद कुछ नहीं मिला, बैंक में छापा मारने के बाद कुछ नहीं मिला और गांव पर जाकर सारा तहकीकात करने पर कुछ नहीं मिला, जिस तरह से पूरे देशभर में सैकड़ों जगह पर छापेमारी करने के बाद कुछ नहीं मिला, कल 8 घंटे की जांच में पूछताछ के बाद कुछ नहीं मिला और 5 दिन में भी कुछ मिलने वाला नहीं है।”
उन्होंने कहा कि “लेकिन सबसे बड़ा जो प्रश्न आज खड़ा हो रहा हैं जिन तथ्यों और बातों के आधार पर सीबीआई कह रही है कि हमने गिरफ्तारी इसलिए की कि मनीष सिसोदिया जी ने पॉलिसी में हेराफेरी की है। लेकिन सीबीआई, पूरी भारतीय जनता पार्टी, केंद्र की मोदी सरकार जिसका कंट्रोल जिसके इशारों पर यह सारा खेल हो रहा है। भाजपा चुप है, पूरी केंद्र सरकार चुप है, पूरी सीबीआई चुप है, पूरी ईडी चुप है जिस तथ्यों के आधार पर हेराफेरी का आरोप लगाया जा रहा है उस पॉलिसी के निर्माण में अंतिम मोहर दिल्ली के उपराज्यपाल ने लगाई है। उपराज्यपाल से पूछताछ क्यों नहीं हो रही है? उपराज्यपाल का नाम क्यों नहीं है? इसलिए ये सारा सबूत बार-बार इस बात की गवाही दे रहा है कि ये घोटाले की जांच नहीं हो रही है। यह राजनीतिक प्रतिद्वंदिता और गंदी राजनीति के तहत ये सारा खेल हो रहा है, जिसका शिकार मनीष सिसोदिया जी को बनाया जा रहा हैं।”
उन्होंने कहा कि “अगर एक्साइज पॉलिसी की जांच हो रही होती तो एलजी की भी जांच होती, एलजी को भी बुलाया जाता और एलजी का भी नाम होता क्योंकि बिना एलजी के परमिशन के और मोहर के ये पॉलिसी फाइनल नहीं हुई है। अगर भ्रष्टाचार की जांच हो रही होती और केंद्र सरकार की मंशा होती तो अडानी के घोटाले के कम से कम एक नोटिस तो जरूर निकली होती, जांच जरूर होती।”
उन्होंने आगे कहा कि “पूरा देश आज ये सोच रहा है कि आज अडानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्त नहीं होते तो आज सीबीआई और ईडी उनकी भी जांच करती। मनीष सिसोदिया जी, केजरीवाल जी के दोस्त हैं, इसलिए उनकी झूठे केस में भी जांच हो रही है। मोदी जी बताएं कि वो अडानी के ख़िलाफ़ जांच से क्यों घबराते हैं? क्यों उनके मुंह से अडानी का नाम नहीं निकलता?”