टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (24/02/2023): नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने और एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर देशभर के शिक्षकों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रचंड प्रदर्शन किया। स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (STFI) के आवाह्न पर देशभर के शिक्षकों के संसद कूच कार्यक्रम के अन्तर्गत आज अपनी मांगों के समर्थन में राजधानी दिल्ली में शिक्षकों ने जंतर मंतर पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में विभिन्न राज्यों से हजारों शिक्षक शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान एसटीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.सी. हरिकृष्ण की अध्यक्षता में शिक्षकों की आम सभा हुई। सभा का संचालन राष्ट्रीय महासचिव सी.एन.भारती ने किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता अशोक अग्रवाल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ राजीव कुंअर ने केंद्र सरकार द्वारा थोपी जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को जनविरोधी बताते हुए कहा कि यह नीति वास्तव में सार्वजनिक शिक्षा को बर्बाद कर देगी।
इसलिए आवश्यक है कि देश के शिक्षक, विद्यार्थी और आमजन इस नीति के खिलाफ उठकर खड़े हों और सरकार को इस घातक शिक्षा नीति को वापस लेने के लिए मजबूर कर दें। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ (AISGEF) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने पीएफआरडीए बिल को रद्द करने की जोरदार मांग करते हुए कहा कि एनपीएस को समाप्त कर पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने तक देश के कर्मचारी चैन से नहीं बैठेंगे और सरकार जितना विलंब पुरानी पेंशन योजना को लागू करने में करेगी उतना ही सरकार को जन विरोध का सामना करना पड़ेगा।
धरने में शामिल लोगों ने कहा कि देश के कर्मचारी हर हाल में पुरानी पेंशन योजना बहाल कराकर ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में शिक्षक और कर्मचारी बड़े आंदोलन की ओर बढ़ रहे हैं। राज्यसभा सांसद और भारत की जनवादी नौजवान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए. ए. रहीम ने आंदोलन की मांगों का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि शिक्षकों की ये मांगे केवल शिक्षक हितों के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रहित में उठाई जा रही मांगे हैं और हम इन मुद्दों को संसद में पुरजोर तरीके से उठाएंगे।।