मौसम तेजी से बदल रहा है। दिन में पर्याप्त गर्मी होने लगी है। ऐसे में पंखा, कूलर सहित लोगों ने एसी का प्रयोग शुरू कर दिया है। वहीं सुबह और रात में होने वाली हल्की ठंड को भी लोग नजरअंदाज कर लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे में बच्चों के साथ बड़ों को संक्रमण सहित तमाम बीमारियों बढ़ गई है। फेलिक्स अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके गुप्ता बताते हैं कि तेजी से बदलते मौसम और दिन पर दिन चढ़ते तापमान ने गर्मी जनित बीमारियों से लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। सुबह और रात में मौसम ठंडा रह रहा है। बदलते मौसम में गलत खानपान से बच्चे उल्टी दस्त की चपेट में आकर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा मरीज सर्दी, जुकाम, बुखार एवं उल्टी दस्त के है। काफी मरीज वायरल, गले में संक्रमण और पेट दर्द की समस्या से पीड़ित हैं। उल्टी दस्त से पीड़ित बच्चों को चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है। बदलते मौसम में खानपान पर ध्यान दें, क्योंकि तापमान में बदलाव से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ रहा है। समय में बदलाव के कारण सबसे ज्यादा बच्चों की सेहत प्रभावित होती है। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूल जाने वाले बच्चों में होती है, क्योंकि बच्चे बाहर की खाद्य सामग्री ज्यादा खाते हैं, जो संक्रमण का कारण बन बच्चों को बीमार कर सकता है। बच्चों को बाहर की चीजों की जगह लंच में पोषक तत्व युक्त आहार दें। डिब्बा बंद जूस की जगह साबुत फल एवं भोजन में हरी सब्जियां व दालों का सेवन कराएं। इस समय बदलते मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इससे बचने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ठंडे पेय पदार्थ एवं ठंडी चीजें खाने से परहेज करें।
खासतौर से गर्मी में पेट से जुड़ी परेशानियां काफी ज्यादा होती हैं। ज्यादा गर्म चीजें खाने से और मौसम के बदलने की वजह से लोगों को पेट में अपच, गैस, पित्त का बढ़ना, पेट में इंफेक्शन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस मौसम में ज्यादातर लोगों को पेट में गर्मी हो रही है। उल्टी, जी मिचलाना, सिर दर्द और अपच की समस्या इसके प्रमुख लक्षण हैं। इस मौसम में हल्का और सादा खाना खाएं। सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पिएं. दोपहर को खाने में लस्सी या दही खाएं। सही समय पर नाश्ता करें, ज्यादा न खाएं और खाली पेट भी न रहें। पूरे दिन खूब पानी पीते रहें।
इस तरह बरतें सावधानी—
-पानी उबालकर गुनगुना पीयें।
-घर एवं आसपास साफ सफाई रखें।
-धूप से आकर एसी, कूलर न चलाएं।
-बच्चों को सुबह एवं रात की ठंड से बचाएं।
-ठंडा पानी व आइसक्रीम का प्रयोग करने से बचें।
-बाजार में बिक रहे कटे हुए फल व खाद्य सामग्री से परहेज करें।
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यह लक्षण दिखने पर हो जाए सावधान:
-सर्दी, जुकाम, बुखार
-उल्टी और घबराहट
-गले में जलन और पेट फूलना
-मुंह में खट्टा पानी आना
-खाना खाने के बाद खट्टी डकार
-सांस लेने में दिक्कत
-छाती में जलन महसूस होना
-सिर में दर्द
-पेट में गैस कब्ज होना