डॉ. अनिल कुमार निगम
अपने बयानों को लेकर प्राय: विवाद में रहने वाले सुप्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर लाहौर के एक खुलामंच पर पाकिस्तान को जमकर धोने के बाद एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। इस बार उन्होंने मुंबई में आतंकी हमले (26/11) की साजिश रचने वाले आतंकियों पर प्रहार किया है। उनकी यह टिप्पणी कि ‘हमले की साजिश रचने वाले आतंकी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं’ को पूरे भारत में हाथों-हाथ लिया जा रहा है। दिलचस्प यह है कि जब जावेद यह टिप्पणी कर रहे थे, समारोह में मौजूद जनता तालियां पीट रही थी। इस टिप्पणी पर भले ही पाकिस्तान में जावेद की तीखी आलोचना हो रही हो, लेकिन पाकिस्तान के घर में घुसकर उसको आइना दिखाने पर भारत में इस बात को लेकर खुशनुमा माहौल है।
जावेद अख्तर हाल ही में मशहूर उर्दू शायर फैज अहमद फैज की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए लाहौर गए थे। इसी दौरान एक दर्शक ने उनसे सवाल पूछा कि आप कई बार पाकिस्तान आए हैं। जब आप वापस जाते हैं, तो क्या आप भारत के लोगों को बताते हैं कि हम अच्छे लोग हैं? इस पर जावेद अख्तर ने जवाब दिया, हमें एक-दूसरे पर आरोप नहीं लगाने चाहिए। इससे मसला हल नहीं होगा। हमने देखा है कि किस तरह 26 नवंबर 2008 में मुंबई पर हमला किया गया। आतंकी न नॉर्वे से आए थे, न मिस्र से। वे अभी भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं। भारत ने कई बार इस मुद्दे को उठाया है। हमने नुसरत और मेहदी हसन के लिए भारत में कई बार बडे़ कार्यक्रम आयोजित किए, लेकिन आपके देश में कभी भी लता मंगेशकर का कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।
ध्यातत्व है कि 26 नवंबर 2008 को दस पाकिस्तानी आतंकी समुद्र के रास्ते से भारत में घुसे थे और अंधाधुंध फायरिंग कर 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोगों की हत्या कर दी थी। इस हमले में करोड़ों की संपत्ति खाक हो गई थी। साथ ही अनेक लोग घायल हो गए थे। 26/11 के हमले में मारे गए लोगों में तत्कालीन आतंक विरोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे, सेना में मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर भी शामिल थे। इस आतंकी हमले के साजिश कर्ताओं को पाकिस्तान द्वारा संरक्षण देने के चलते भारतीयों के मन में आज भी घाव हरे हैं।
जावेद अख्तर का यह बयान इसलिए अत्यंत अहम है क्योंकि इसके पूर्व वह अपने विवादास्पद बयानों के चलते भारत में कड़ी आलोचना का शिकार होते रहे हैं लेकिन इस बार उनकी टिप्पणी की जमकर तारीफ हो रही है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में उन्होंने कई बार ऐसी टिप्पणियां की हैं जिनके कारण वे विवाद के घेरे में आते रहे हैं। हालांकि ग्वालियर में जन्मे मशहूर शायर जावेद अख्तर का नाम सिनेमा जगत में अत्यंत सम्मान से लिया जाता है।
सितंबर, 2021 में जावेद ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना उग्रवादी संगठन तालिबान से कर दी थी। उन्होंने कहा था कि इसे समर्थन देने वाले लोगों को आत्मचिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल का भी उद्देश्य वही है, जो तालिबान का है। भारतीय संविधान इन संगठनों के लक्ष्य की राह में आड़े आ रहा है लेकिन अगर मौका मिला तो ये उस सीमा को भी लांघ जाएंगे। उनके इस बयान की पूरे देश में तीखी आलोचना हुई थी।
विदित है कि सिने तारिका कंगना रनौत से भी जावेद अख्तर की जुबानी जंग छिड़ चुकी है। यह मामला इतना बढ़ गया था कि उन्होंने कंगना के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी कर दिया था। यह तब की बात है जब कंगना और ऋतिक के अफेयर और बाद हुए विवाद की खबरें काफी चर्चा में आई थीं। उसके बाद कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर पर टिप्प्णी की थी जिसके खिलाफ उन्होंने कंगना पर मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था।
इसके पहले जावेद अख्तर ने वर्ष 2019 में बुर्के पर प्रतिबंध को लेकर कानून बनाने की बात पर कहा था कि अगर भारत में बुर्का बैन होने के लिए कानून लाया जा रहा है तो घूंघट पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। बुर्का या घूंघट की क्या आवश्यकता है। हांलाकि बाद में उन्होंने इस पर सफाई भी दी थी।
वर्ष 2020 में जावेद अख्तर ने दिल्ली में भड़की हिस्सा के मामले में भी विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा था कि हिंसा में अनेक लोग मारे गए और कई घायल हुए लेकिन पुलिस ने सिर्फ एक घर को सील किया और उसके मालिक की तलाश कर रही है। दुर्भाग्य से उसका नाम ताहिर है। पुलिस के सामंजस्य को सलाम। उनके इस बयान के बाद उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। दूसरी ओर मध्य प्रदेशके गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें टुकड़े टुकड़े गैंग के स्लीपर सेल का हिस्सा बता दिया था।
बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म पठान के गाने बेशर्म रंग को लेकर काफी विवाद हुआ। इस गाने में दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग की बिकिनी पहनी थी, जिस पर जमकर हंगामा हुआ। कई हिंदूवादी संगठनों ने फिल्म का बायकॉट करने की घोषणा कर दी। बढ़ते विवाद के चलते सेंसर बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं को इस गाने के कुछ दृश्यों में बदलाव करने के निर्देश दिए थे। इस पर जावेद अख्तर ने यह कहकर विवाद को और हवा दे दी कि हर धर्म का अपना अलग सेंसर बोर्ड होना चाहिए।
जावेद अख्तर की धुर विरोधी मानी जाने वाली कंगना रानौत ने उनकी दिल खोलकर तारीफ की है। उसने सोशल मीडिया में लिखा कि जब मैं जावेद साहब की शायरी सुनती थी तो लगता था कि सरस्वती जी की इन पर इतनी कृपा क्यों है ? जय हिंद। घर में घुसकर मारा है, अपने ही देश में सत्य सुनो। इसी प्रकार फिल्म अभिनेत्री पूजा भट्ट कहती हैं कि सच को जिंदा रहने के लिए दो तरह के लोगों की जरूरत होती है-एक सच बोलने वाला और एक सच सुनने वाला। एक के बिना दूसरा संभव नहीं है। ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक जो असाधारण तौर पर सक्षम हैं वे मिलावट रहित सच को स्वीकार कर रहे हैं। इसके अलावा खुद पर हंस भी रहे हैं। यह प्रतिक्रिया सिर्फ कंगना और पूजा की नहीं है बल्कि आज जावेद अख्तर के ध्रुव विरोधी और आलोचक भी उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। अंतत: अगर मैं यह कहूं कि जावेद अख्तर ने पाकिस्तान को उसी की सरजमीं पर आइना दिखाकर भारत में अपनी तस्वीर बदल दी है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।