टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (18/02/2023): दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में पापड़ और कचरी के टैक्स निर्धारण में आई विसंगति को दूर करने की माँग की है। इस बात की जानकारी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र शेयर करके दिया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा कि “भारत सरकार के वित्तमंत्रालय द्वारा जारी स्पष्टीकरण सर्कुलर (Circular Nol 189/01/2023-GST, 13 जनवरी 2023) के बिंदु संख्या 5 में दिए गए स्पष्टीकरण के कारण पापड़ जैसे खाद्य पदार्थों पर अचानक 18% जीएसटी लगने लगा है।”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि “पापड़ और कचरी पापड़ मूल रूप से भारत में बनने वाला खाद्य पदार्थ है। जीएसटी लागू होने से पहले पापड़ और कचरी पापड़ दोनों ही पदार्थों पर अधिकतर राज्यों में 0% वैट लगता था। जीएसटी लागू होने के बाद से भी पापड़ और कचरी पापड़ पर 0% जीएसटी ही लगता आया था। लेकिन स्पष्टीकरण सर्कुलर के जारी होने के बाद अचानक एक विसंगति आ गई है। पापड़ और कचरी पापड़ दोनों ही एक ही तरह के पदार्थ हैं और एक ही जैसे रॉ मैटेरियल से तैयार होते हैं। लेकिन भूलवश इन्हें अंग्रेजी के स्नैक्स पैलेट ( Snacks Pellet manufactured through extrusion process) की श्रेणी में रखकर इन पर 18% टैक्स लगा दिया गया।”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि “सर्कुलर में ‘such as fryums’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। जबकि fryum कोई कैटेगरी नहीं है बल्कि एक पॉपुलर ब्रांड है जिसके विभिन्न प्रोडक्ट होते हैं। ऐसे में पूरे के पूरे कचरी पापड़ कैटेगरी को fryum जैसे पदार्थों की कैटेगरी में रखना भी गलत है। दिल्ली के फेडरेशन ऑफ स्वीट्स एंड नमकीन मैन्युफैक्चरर्स की तरफ से इस संबंध में मुझे एक निवेदन पत्र भी दिया गया है जिसकी प्रति भी संलग्न है उसमें भी इन तथ्यों को और स्पष्ट किया गया है।”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि “कचरी पापड़ एक बहुत ही सामान्य प्रोडक्ट है। अगर हम जीएसटी के रेट चार्ट पर नजर डालें तो हम देखते हैं कि सिंवई पर 5% जीएसटी लगता है। पिज़्ज़ा ब्रेड पर 5% जीएसटी लगता है। साबूदाने पर 5% जीएसटी है। सीरियल पैलेट पर 5% जीएसटी लगता है। पोटटो पैलेट पर 5% जीएसटी लगता है। पास्ता पर 12% जीएसटी है। नमकीन काजू और बादाम पर भी 12% जीएसटी है। सामान्य नमकीन पर भी 12% जीएसटी है। लेकिन कचरी पापड़ जोकि एकदम पापड़ जैसा ही प्रोडक्ट है उसको 18% की जीएसटी श्रेणी में रख दिया गया है।”
मनीष सिसोदिया ने कहा कि “मेरा मानना है कि यह एक विसंगति है और इसे दूर किया जाना चाहिए। स्पष्टीकरण सर्कुलर द्वारा उत्पन्न इस विसंगति के कारण एक तरफ व्यापारी उलझन में है दूसरी तरफ उपभोक्ता भी उलझन में है। पापड़ पर 0% टैक्स है और कचरी पापड़ पर उससे 18% जीएसटी लिया जा रहा है। कचरी पापड़ कोई प्रीमियम प्रोडक्ट भी नहीं है। ऐसे में अगर यह विसंगति दूर नहीं की जाती है तो इससे गलत बिल बनाने की प्रवृत्ति और टैक्स चोरी को बढ़ावा मिल सकता है।”
मनीष सिसोदिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह करते हुए कहा है कि “जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में आज इस स्पष्टीकरण सर्कुलर के कारण उत्पन्न हुई विसंगति को दूर करने का निर्णय लें। यदि काउंसिल की सहमति हो तो इसे पापड़ की तरह से 0% जीएसटी कैटेगरी में अथवा उपरोक्त कुछ अन्य पदार्थों की तरह 5% की जीएसटी कैटेगरी में भी रखा जा सकता है। लेकिन इस विसंगति को दूर किया जाना जरूरी है।”