टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (18/02/2023): विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर आज यानी शनिवार को सिडनी में ‘रायसीना सिडनी’ समिट में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “दुनिया की आज की स्थिति ऑस्ट्रेलिया और भारत के लिए एक दूसरे के साथ और अधिक मिलकर काम करने के लिए एक बढ़िया साथ बनाता है। भारत में आज का मत आर्थिक भरोसे का है। कई क्षेत्रों में निर्माण, निर्माण और सहयोग करने की हमारी क्षमता में भी विश्वास किया जा रहा है। हम इस वर्ष 7% वृद्धि का लक्ष्य रख रहे हैं।”
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “हम भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों का स्वागत करेंगे। हमारे लिए यह केवल ऑस्ट्रेलिया आने वाले छात्रों के बारे में नहीं, बल्कि यह ऑस्ट्रेलिया और भारत के बारे में भी है,जो पूरी दुनिया के लिए अधिक कुशल,प्रतिस्पर्धी प्रतिभा तैयार करने के लिए भारत में मिलकर काम कर रहे।”
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “हमारे संबंधों में, हमें निवेश को प्रोत्साहित करने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। हमने ओपन स्काई समझौता किया है लेकिन मांग आपूर्ति से पीछे है। अच्छी खबर यह है कि एयर इंडिया ने 470 विमान खरीदे हैं और उम्मीद है कि इससे भारत को दुनिया से जोड़ने में तेजी आएगी।”
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “आपको इस साल भारत से 5जी तकनीक मिलेगी और मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जो बड़े वैश्विक हित में होगा। आज आप भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव देख सकते हैं। परिवर्तन एक एकीकृत बुनियादी ढांचा नीति के कारण हुआ है।”
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “हम अपने डेटा के प्रति संशय में नहीं रह सकते जिस तरह हम गलती से प्रोडक्ट्स को लेकर रहे थे। मेरा डेटा कहां है, उसे कौन प्रोसेस करता है, वे उसके साथ क्या करते हैं ये मेरे लिए मायने रखता है। हम कैसे विकेंद्रीकरण करते हैं, हम कैसे साथ में काम करते हैं, हम कैसे विविधता लाते हैं, हम दुनिया का लोकतंत्रीकरण कैसे करते हैं। यह हमारी चिंता है।”
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि “दुनिया में वित्तीय स्थिरता को लेकर भी चिंताएं हैं। 70 से ज्यादा देश उनकी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने के लिए IMF के साथ काम कर रही हैं। कुछ दिन पहले तक इनमें से बहुत से देश कम आय वाले देश नहीं थे।”
इस मौके पर ऑस्ट्रेलिया के सहायक व्यापार और विनिर्माण मंत्री ने कहा कि “भारत दुनिया के सबसे महान लोकतंत्रों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों में आगे देखने के लिए बहुत कुछ है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत विशाल अवसर प्रदान करता है। हम QUAD जैसे समूहों और इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क जैसी संरचनाओं के माध्यम से अपने क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। हम इस वर्ष के अंत में क्वाड नेताओं की बैठक की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं।”