राजधानी दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम में पद्मभूषण अकबर पदमसी के कलाकृतियों की लगी प्रदर्शनी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (15/02/2023): “लेटवर्क्स ऑफ अकबर पदमसी” नाम से पद्मभूषण अकबर पदमसी द्वारा उनके अंतिम दिनों में बनाए गए चित्रों की एक प्रदर्शनी 18 फरवरी तक दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम में प्रदर्शित की गई है। प्रदर्शनी में भारत के सुप्रसिद्ध कलाकार अकबर पदमसी के 19 चित्रों की प्रदर्शनी दिखाई जा रही है। यह 19 लेट ड्राइंग अकबर पदमसी द्वारा 2013 से 2017 के बीच बनाए गए हैं। इनमें से कई चित्र उनके द्वारा आईसीयू में बनाई गई जब वह जीवन के अन्तिम काल में मुंबई के हॉस्पिटल में भर्ती थे।

प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से रात 8 बजे के बीच जनता को देखने के लिए खोला जा रहा है। भारत के महानतम आधुनिक चित्रकार अकबर पदमसी द्वारा जीवन काल अंतिम दिनों में बनाए गए अदभूत अनुपम चित्रों को प्रदर्शनी में दीदार करने का कला प्रेमियों एवं आम लोगों के लिए सुनहरा मौका है।

यह प्रदर्शनी भारत के महानतम आधुनिक चित्रकार अकबर पदमसी की याद में उनकी पत्नी भानु पदमसी द्वारा लगाई गई है। भानु पदमसी ने कहा कि अकबर पदमसी त्रिवेणी कला संगम से काफी जुड़े हुए थे यहां पर उन्होंने कई एकल एवं ग्रुप प्रदर्शनी लगाए थे। इसलिए उनके द्वारा अंतिम दिनों में बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी हमने यहां लगाने का विचार किया और उनके द्वारा अन्तिम दिनों बनाए गए कलाकृतियों में से खास 19 चित्रों से लोगों को रूबरू कराने के उद्देश्य से यह प्रर्दशनी लगाई है।

भानु पदमसी ने कहा कि यहां पर लगाए गए कलाकृतियों में से कुछ चित्र ऐसे भी है जिसे वह आईसीयू में बनाए थे। जब वह 2013 में अस्पताल में भर्ती हुए और आईसीयू में थे तो उन्होंने नर्स एवं डॉक्टर के लिए चित्र बनाए थे वह भी इस प्रर्दशनी में लगाई गई है l

अकबर पदमसी भारत के आधुनिक चित्रकारों के उन गिने चुने महानतम चित्रकारों की श्रेणी में थे जिनकी कलाकृतियां पूरे विश्व में लोकप्रियता के शिखर पर छाया रहा। भारत सहित विश्व के कई देशों में इनकी प्रदर्शनी लगती रही है। 1928 में जन्मे अकबर पदमसी जेजे स्कूल ऑफ आर्ट, मुंबई में उस समय के छात्र थे जब प्रोग्रेसिव आर्टिस्ट्स ग्रुप ने भारतीय कला परिदृश्य पर खुद को घोषित किया था। जहांगीर आर्ट गैलरी में उनका पहला एकल शो लगाया गया था। 1960 में शहर में उनका दूसरा शो, जिसे अब उनके ग्रे पीरियड के रूप में जाना जाता है, ने भारत के सबसे दुर्जेय कलाकारों में से एक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को स्थापित कर दिया।

6 जनवरी 2020 को उनके निधन के क्षण तक वे लगातार सीमाओं को लांघते हुए काम करते रहे। छह दशकों के अपने शानदार करियर के दौरान, वह जमकर प्रायोगिक, व्यक्तिवादी और मौलिक बने रहे।इन वर्षों में उन्होंने ऑइल पेंटिंग, प्लास्टिक इमल्शन, वॉटर कलर, स्कल्पचर, प्रिंटमेकिंग से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक्स और फोटोग्राफी तक विभिन्न माध्यमों के साथ काम किया। उन्होंने एक चित्रकार, फिल्म निर्माता, मूर्तिकार, फोटोग्राफर और लिथोग्राफर के रूप में काम किया।

अकबर पदमसी को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया , जिनमें प्रमुख है: वर्ष 1965 में यूएसए की रॉकफेलर। फंड फैलोशिप,1969-70 में जवाहरलाल नेहरू फैलोशिप, 1997 में मध्य प्रदेश सरकार की ओर से कालिदास सम्मान, 2004 में ललित कला रत्न एवं 2010 में भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया l।