मुंबई एक्सप्रेस-वे पर स्पीड गवर्नर एवं स्पीड लिमिट डिवाइस चालकों के लिए बना मुसीबत, पीएम को लिखा पत्र

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (10 फरवरी 2023): “दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोटर्स एसोसिएशन” के अध्यक्ष संजय सम्राट ने गुरुवार,9 फरवरी को ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की टैक्सी बसों को दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेस-वे पर होने वाली परेशानियों के बारे में भारत के प्रधानमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया।

एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है की बेशक़ दिल्ली से मुंबई अब आम प्राइवेट गाड़ियों के द्वारा 12 घंटे में जाया जा सकता है, लेकिन देश-विदेश के पर्यटकों और सवारी को अभी भी 20 से 22 घंटे दिल्ली से मुंबई जाने में लगते हैं। क्योंकि इन आल इंडिया टूरिस्ट परमिट की टैक्सी बसों में स्पीड लिमिट डिवाइस या स्पीड गवर्नर लगा होता है। जिस कारण से टैक्सी बसें 80 किलो मीटर प्रति घंटे से भी कम स्पीड में चलती है।जिसकी वजह से यात्रियों और विदेशी पर्यटक टैक्सी-बसों की बजाये ट्रेन या प्लेन में सफर करने को मजबूर हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दिल्ली से मुंबई ग्रीन एक्सप्रेस-वे का उद्धघाटन कर रहें है। जिसमे उनको प्राइवेट गाड़ियों की स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा भारत के परिवहन मंत्रालय द्वारा बताई गई है। संजय सम्राट का कहना है की हम प्रधानमंत्री जी के संज्ञान में ये बात लाना चाहते है, क्योंकि ये भारत में रहने वाले भारतीयों के साथ बहुत बड़ा भेदभाव किया जा रहा है। संजय सम्राट ने कहा कि हमें बड़ी ख़ुशी है की भारत सरकार भारत की जनता के हितों को देखते हुए अच्छे ग्रीन हाईवे बना रहीं है।

लेकिन इन ग्रीन एक्सप्रेस-वे पर आल इंडिया टूरिस्ट परमिट की टैक्सी और बसें 80 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से भी कम चलेंगी क्योंकि इन टैक्सी बसों में स्पीड लिमिट डिवाइस या स्पीड गवर्नर लगा हुआ है। जिसकी वजह से हमारे देसी-विदेशी पर्यटक भी हमारी टैक्सी बसों में सफर करने में हिचक रहें है, क्योंकि हमारी टैक्सी बसें बहुत धीमी गति से एक्सप्रेस-वे पर चलती है और मुंबई एक्सप्रेस वे पर भी यही हाल होगा।

हम ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन परिवहन मंत्रालय को पांच सालों से लगातार ऑल इंडिया टूरिस्ट  परमिट टेक्सी बसों से स्पीड गवर्नर हटाने की मांग कर रहे हैं।लेकिन इन्होंने अबतक आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं किया है। हाइवे पर आज कल काफी लूट पाट होती रहती है। जिस वजह से यात्रियों का सुरक्षा खतरे में है। जिस तरह से आजकल बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही है, आने वाले समय में विदेशी पर्यटकों के साथ ऐसी घटना होने की संभावनाएं बढ़ जाएगी। हाइवे पर बदमाश ओवरटेक करके गाड़ियों को लूट लेते हैं, क्योंकि प्राइवेट गाड़ियों की स्पीड अधिक होती है। पर्यटक रात को ट्रैवल करते हैं।

दूसरी बात ये है की धीमी गति से एक्सप्रेस वे पर टैक्सी बसों को पीछे से आती हुई तेज गति की गाड़ियाँ पीछे से टक्कर मार सकती है, इसमें चालक के अलावा सवारी या देसी-विदेशी पर्यटको की जान भी जा सकती है। इसके अलावा एक ही स्पीड में मतलब 80 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से इन टैक्सी बसों को चलाने वाले चालको को नींद भी आने लगती है, ऐसा मुझे काफी चालकों ने भी बताया है जिस से दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। यदि कल कोई घटना स्पीड गवर्नर की वजह से होती है तो इसकी जिम्मेदारी भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय की होगी। हमारी मांगों पर गौर किया जाए और स्पीड गवर्नर या स्पीड लिमिट डिवाइस को तुरंत हटाया जाए।।