EPCH ने सेफगार्ड अगेंस्ट साइबर क्राइम एंड डिजाइन, ट्रेंड्स एंड फोरकास्ट विषय पर जागरुकता सेमिनार का किया आजोयन

नई दिल्ली – 07 फरवरी, 2023 – हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने मंगलवार, 7 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में सेफगार्ड अगेंस्ट साइबर क्राइम एंड डिजाइन, ट्रेंड्स एंड फोरकास्ट विषय पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया।

ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने जानकारी दी कि इस अवसर पर राज कुमार मल्होत्रा, अध्यक्ष ईपीसीएच और अध्यक्ष, उत्तरी क्षेत्र – एफआईईओ; रवि पासी, पूर्व अध्यक्ष, ईपीसीएच और संयोजक (उत्तरी क्षेत्र); एच. एस. रंधावा, एसीपी, साइबर सेल, दिल्ली पुलिस; संबित सिन्हा, पार्टनर, साइबर सिक्योरिटी (अर्न्स्ट एंड यंग); डॉ. कर्णिका सेठ, साइबर लॉ और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ; राजेश रावत, अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक, ईपीसीएच; अमला श्रीवास्तव, हेड डिजाइनर, ईपीसीएच और नई दिल्ली के प्रमुख निर्यातक उपस्थित थे।

ईपीसीएच के चेयरमैन और उत्तरी क्षेत्र – एफआईईओ के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने दिल्ली पुलिस के अधिकारी, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और दिल्ली के प्रमुख निर्यातकों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि आज का सेमिनार ईपीसीएच और एफआईईओ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया है ताकि निर्यातकों को साइबर अपराध से व्यापार को सुरक्षित रखने के उपायों को समझने और हस्तशिल्प में नवीनतम डिजाइन, ट्रेंड्स और फोरकास्ट की गहन जानकारी हासिल करने में मदद मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर सदस्य निर्यातकों के लिए ईपीसीएच विशेषज्ञ संकायों के माध्यम से जागरूकता सेमिनारों की श्रृंखला आयोजित करने में हमेशा सबसे आगे रहा है।

ईपीसीएच के पूर्व अध्यक्ष और संयोजक (उत्तरी क्षेत्र) रवि पासी ने कहा कि आज के कारोबारी माहौल में, यह महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए अत्याधुनिक डिजाइन वाले नए उत्पादों को रुझानों और पूर्वानुमानों के अनुसार विकसित किया जाए।

संबित सिन्हा, पार्टनर, (अर्न्स्ट एंड यंग) ने कहा कि व्यावसायिक जानकारी एक मूल्यवान संपत्ति है जिसे अनधिकृत संशोधन और प्रकटीकरण के खिलाफ सुरक्षित किया जाना चाहिए। साइबर अपराधियों के खिलाफ हमारी सबसे अच्छी रक्षा हमेशा रोकथाम होगी। उन्होंने कहा कि तकनीक एक हथियार है और इसका उपयोग करते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने वर्चुअल कीबोर्ड, मास्क्ड आधार कार्ड, पासवर्ड को नियमित रूप से बदलने, भेजे गए क्यूआर कोड को कभी स्कैन न करने, जैसे कई अन्य तकनीकों को साइबर अपराध के खिलाफ सुरक्षा के रूप में बताया।

साइबर कानून और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ.कर्णिका सेठ ने साइबर अपराध की उत्पत्ति और इस तरह के अपराधों में हाल में हुई वृद्धि पर एक सूचनात्मक प्रस्तुति दी। उन्होंने भारतीय अधिकार क्षेत्र में साइबर कानून में महत्वपूर्ण विकास पर चर्चा की। उन्होंने आगे संशोधनों के माध्यम से सूचना टेक्नोलॉजी के संबंध में भारतीय कानून की व्याख्या की। उन्होंने आगे इलेक्ट्रॉनिक फुटप्रिंट्स के बारे में बताया जो ट्रेस करने योग्य है। उन्होंने साइबर धोखाधड़ी के शिकार लोगों के लिए विभिन्न विकल्पों और उपायों के बारे में भी बताया।

एच. एस. रंधावा, एसीपी, साइबर सेल, दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ नई दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के कई निर्यातकों की मदद की है। पुलिस साइबर अपराध के पीड़ितों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहती है और उनसे सतर्क, जागरूक रहने और ऐसे किसी भी मामले की रिपोर्ट करने में संकोच न करने का आग्रह करती है। उन्होंने साइबर अपराध की स्थिति प्रस्तुत की और साइबर अपराध कि शिकायत दर्ज करने के लिए तंत्र साझा किया। उन्होंने तत्काल कार्रवाई के लिए www.cybercrime.gov.in और हेल्पलाइन नंबर 1930 भी साझा किया।
ईपीसीएच की हेड डिजाइनर अमला श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों को 2024 के लिए उन उभरते ट्रेड्स और डिजाइन के बारे में बताया जिन्हें वैश्विक बाजार देख रहा है। उन्होंने कहा कि निर्माताओं को नवीनतम ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए जिसके माध्यम से ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके।

प्रतिभागियों द्वारा डिजाइन, रुझान और पूर्वानुमान और साइबर सुरक्षा तरीकों से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इसका जवाब विशेषज्ञों द्वारा सुरक्षा उपायों के साथ दिया गया।

इस अवसर पर ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने सूचित किया कि ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 33253.00 करोड़ ( 4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 29.49% और डॉलर के संदर्भ में 28.90% की वृद्धि दर्ज हुई है।