टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (07/02/2023): आम आदमी पार्टी ने भाजपा द्वारा संविधान के खिलाफ जाकर बार-बार मेयर के चुनाव में रुकावट डालने के विरोध में मंगलवार सुबह बीजेपी कार्यालय का घेराव किया। यह प्रदर्शन विधायक सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और कुलदीप कुमार के नेतृत्व में किया गया।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं ने एलजी और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर जाएगी। पार्टी का कहना है कि यह संघर्ष लंबा है और हम इसके लिए तैयार हैं। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी दुनिया की सबसे छोटी पार्टी को कुचलना चाहती है, इसलिए अब हम दुनिया के सबसे मजबूत न्यायालय जाएंगे। अब हमें वहीं न्याय मिल सकता है।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज हमने देखा कि सुप्रीम कोर्ट यानी कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह कहा कि किस तरह से भाजपा गुंडागर्दी करके एमसीडी में अपनी सरकार बनाना चाहती है, जो कि गैरकानूनी और असंवैधानिक है। पीठासीन अधिकारी पर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मामला बनता है। कल हाउस में पीठासीन अधिकारी ने हाईकोर्ट का एक ऑर्डर दिखाते हुए कहा कि इसके आधार पर वोट करेंगे। सच्चाई तो यह है कि ऐसा कोई ऑर्डर मौजूद ही नहीं है। इस प्रकार झूठ बोलना कोर्ट का निराधार है।
हमारे पास कल के सारे वीडियो हैं, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे भाजपा के पार्षदों ने हाउस में शोर मचाना शुरू किया, गुंडागर्दी शुरू की, नारे लगाने शुरू किए और आम आदमी पार्टी के पार्षद चुपचाप अपनी सीटों पर बैठकर मुस्कुरा रहे थे। गुंडागर्दी भी भाजपा वाले करें, नारेबाजी भी वही करें। इसके बाद भाजपा द्वारा नियुक्त की गई पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने हाउस को भंग कर दिया जो पहले से तय था। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने पहले ही बता दिया था कि भाजपा इस बार भी मेयर का चुनाव नहीं कराएगी और वही हुआ। इसका बड़ा सबूत यह है कि भाजपा के सांसद गौतम गंभीर, मनोज तिवारी हाउस में मौजूद नहीं थे। जहां एक-एक वोट के लिए लड़ाई हो रही है, भाजपा के सांसद हाउस में नहीं थे, इसका मतलब साफ है कि यह सब पहले से तय था।
भाजपा की केंद्र सरकार ने बईमानी से पिछले एक साल से एमसीडी पर कब्जा किया हुआ है। जिसे यह लोग छोड़ना नहीं चाहते हैं ताकि यह सारी बईमानी आगे भी चलती रहे। हम यह नहीं होने देंगे। कई तरह की बईमानियां कल इनकी प्रोटेम मेयर ने करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मोननीत पार्षद वोट डालेंगे, जो कि सही नहीं है। संविधान में यह है ही नहीं। देश में हजार से ज्यादा नगर निगम हैं, कहीं पर भी मनोनीत पार्षद मेयर के चुनाव में वोट नहीं डाल सकते हैं। कहीं ऐसा नहीं होता है कि तीनों चुनाव एक साथ कराए जाएं, इन्होंने कहा कि तीनों चुनाव एक साथ कराए जाएं क्योंकि इनके मन में बईमानी है।
यह सारा मामला हम सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएंगे, अब उन्हीं से आखरी उम्मीद है। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की केंद्र सरकार दुनिया की सबसे छोटी पार्टी को इस तरीके से कुचलना चाहती है। इसलिए हम दुनिया के सबसे मजबूत न्यायालय की शरण में गए हैं। कोर्ट के अलावा अब कोई चारा नहीं बचा है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक एवं एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि कुछ देर पहले मुझे मीडिया के कई साथियों का फोन आया। तब मुझे समझ आया कि भाजपा मेयर का चुनाव क्यों नहीं कराना चाहती है। आज यहां से कुछ ही दूरी पर इनका प्रदर्शन चल रहा है। वहां सिर्फ और सिर्फ 13 पार्षद हैं। इनको डर है कि मेयर का चुनाव हो गया तो कहीं बीजेपी वाले आम आदमी पार्टी को वोट ना दे दें। इनके पार्षद इनके साथ नहीं हैं।।