नई दिल्ली – 06 फरवरी 2023– एनईसी, बर्मिंघम, यूनाइटेड किंगडम में आयोजित स्प्रिंग फेयर इंटरनेशनल, 2023 में ईपीसीएच इंडिया पवेलियन की शुरुआत यूके में भारत के महावाणिज्य दूतावास, बर्मिंघम के काउंसल जनरल डॉ. शशांक विक्रम की उपस्थिति में 5 फरवरी, 23 को हुई। इस अवसर पर सदस्य प्रदर्शकों भी उपस्थित रहे। यह मेला 05 से 08 फरवरी 2023 तक आयोजित किया जाएगा। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के महानिदेशक राकेश कुमार ने जानकारी दी कि भारत के पास स्प्रिंग फेयर इंटरनेशनल, बर्मिंघम, यूनाइटेड किंगडम जैसे बड़े मंच पर अपनी अद्वितीय विविधता, समृद्ध संस्कृति और कला और शिल्प की लंबी परंपरा को प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर है। उन्होंने कहा कि ईपीसीएच ने इस मेले में देश के विभिन्न हिस्सों से 15 सदस्य निर्यातक की सदस्य भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रबंध किया है।
यूके में भारत के महावाणिज्य दूतावास, बर्मिंघम के काउंसल जनरल डॉ. शशांक विक्रम ने उद्घाटन करते हुए भारतीय हस्तशिल्प को विश्व बाजारों में लाने और देश से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परिषद के निरंतर प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सदस्य प्रतिभागियों के साथ भी बातचीत की और भविष्य के व्यापार प्रचार में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
ईपीसीएच के चेयरमैन राज कुमार मल्होत्रा ने इस अवसर पर कहा कि काउंसिल नियमित रूप से ब्रिटेन के बर्मिंघम में स्प्रिंग फेयर इंटरनेशनल में प्रदर्शन करती है, जो यूके के बाजार के बहुमुखी आयाम के बारे में शानदार समझ उत्पन्न करती है। आयोजन के इस संस्करण में ईपीसीएच इंडिया पवेलियन के तहत ईपीसीएच के 15 सदस्य निर्यातक भाग ले रहे हैं। स्प्रिंग इंटरनेशनल फेयर एक बी2 बी (बिजनेस 2 बिजनेस) मेला है जो 32000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें यूके और दुनिया भर से लगभग 35000 विज़िटर और वॉल्यूम खरीदार बड़े पैमाने पर शिरकत करते हैं। इस आयोजन के दौरान ईपीसीएच इंडिया पवेलियन में आए आगंतुकों ने भारत के हस्तकला कौशल की सराहना की।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के.वर्मा ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम दुनिया के प्रमुख बाजारों में से एक है और इसमें हस्तकला और उपहार की वस्तुओं की व्यापक संभावना है। स्प्रिंग संस्करण में भारत की भागीदारी मेले की जीवंतता और विविधता को बढ़ाएगी, साथ ही वैश्विक निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और ब्रांडों को भारतीय कपड़ा, होम फर्निशिंग और उपभोक्ता उत्पाद उद्योगों में मजबूत उद्यमिता से परिचित कराएगी, जिससे भारत से सोर्सिंग के अवसर खुलेंगे।
इस अवसर पर ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने सूचित किया कि ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 33253.00 करोड़ ( 4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 29.49% और डॉलर के संदर्भ में 28.90% की वृद्धि दर्ज हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान यूके को होने वाला हस्तशिल्प निर्यात 2138.86 करोड़ (286.86 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 30.08% और डॉलर के संदर्भ में 29.49% की वृद्धि दर्ज हुई है।