देश की संसद ने भी माना कि दिल्ली की हवा में हो रहा है सुधार: अरविंद केजरीवाल

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (05/02/2023): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि दिल्ली की हवा साफ हुई है। साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि देश की संसद ने भी माना कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। उन्होंने वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए दिल्लीवासियों के निरंतर प्रयासों को श्रेय दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज यानी रविवार को ट्वीटर पर एक न्यूज़ के स्क्रीनशॉट को साझा कर यह बात कही है।

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा है, “देश की संसद ने भी माना कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। ये दिल्ली वालों के सतत प्रयासों का नतीजा है। हम यदि ठान लें तो हर मुश्किल काम संभव है। इसी तरह आने वाले समय में हमें वायु गुणवत्ता में अभी और भी सुधार करना है।”

बता दें कि उस न्यूज़ में कहा गया है कि सदन पटल पर रखे गए नए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इसी सप्ताह संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, वर्ष 2016 से 2021 के बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में ‘अच्छी’, ‘संतोषजनक’ और ‘मध्यम’ श्रेणी के दिनों की संख्या में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि ‘अच्छी’, ‘संतोषजनक’ और ‘मध्यम’ श्रेणी वाले दिनों की संख्या वर्ष 2016 में 108 थी, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 197 हो गई। ‘खराब’, ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ दिनों की संख्या वर्ष 2016 में 246 थी, जो वर्ष 2021 में घटकर 168 रह गई है।

सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2016 और वर्ष 2021 के बीच पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 की वार्षिक एकाग्रता में भी 22 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि इसी अवधि में पीएम 10 की एकाग्रता में 27 प्रतिशत की कमी आई है। आर्थिक सर्वेक्षण ने वर्ष 2017 और वर्ष 2021 के बीच मासिक एक्यूआइ की भी तुलना की। इसमें सामने आया कि वर्ष 2021 के नौ महीनों में वर्ष 2017 के इन्हीं महीनों की तुलना में एक्यूआइ भी कम दर्ज हुआ। अधिकतम सुधार अक्टूबर में (54प्रतिशत), मई में (50 प्रतिशत) और सितंबर में (48 प्रतिशत ) देखा गया। वर्ष 2021 में दिल्ली में औसत मासिक एक्यूआइ में 2017 के इन्हीं माह की तुलना में जनवरी में (17 प्रतिशत), फरवरी में (15 प्रतिशत) एवं मार्च में (एक प्रतिशत) की ही गिरावट आई, जो थोड़ी चिंता की बात है।