टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (31/01/2023): राहुल गांधी की अगुवाई वाली “भारत जोड़ो यात्रा” का समापन कश्मीर में हो गया, कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा कश्मीर में जाकर समाप्त हो गई। समापन समारोह में कांग्रेस पार्टी की तरफ से 23 विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया था, जिसमें से मात्र आठ विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया। विपक्ष के रूप में 2024 में विकल्प बनाने के तौर पर कांग्रेस पार्टी को एक झटका भी लगा है।
कांग्रेस पार्टी की “भारत जोड़ो यात्रा” के समापन पर भारतीय जनता पार्टी ने जमकर हमला बोला है, भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि धारा 370 हटाने की वजह से आज कांग्रेस पार्टी कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा निकाल पाई इसलिए उन्हें मोदी सरकार को धन्यवाद करना चाहिए। बीजेपी ने कहा कि वही कांग्रेस पार्टी है जब धारा 370 समाप्त की गई थी तब इसका विरोध किया था। बीजेपी ने कहा कि धारा 370 समाप्त नहीं होती तो क्या राहुल गांधी कश्मीर में “भारत जोड़ो यात्रा” निकाल पाते।
बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राजनैतिक उद्देश्य ये प्रेरित “भारत जोड़ो यात्रा” केरल से शुरू हुई, जहां कांग्रेस के नेता यात्रा के सहभागी बने, जिन्होंने सड़क पर बीफ पार्टी की थी, फिर पादरी जॉर्ज पुनिया यात्रा के सहभागी बने, जिन्होंने कहा था कि वे भारत की धरती को अपवित्र मानते हैं।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि तमिलनाडु में राहुल गांधी एसपी उदय कुमार से मिले, जो तमिल पृथकता का बयान तक दे चुके हैं। फिर तमिलनाडु में कमल हसन को साक्षात्कार देते हैं, जहां राहुल गांधी कहते हैं Nation with a confuse vision. राहुल गांधी की यात्रा के स्थाई साथी कन्हैया कुमार जिनका संबंध टुकड़े-टुकड़े गैंग से रहा।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब ये यात्रा कश्मीर के नजदीक पहुंचती हैं, यात्रा के संयोजक दिग्विजय सिंह सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल करते हैं। नफरती जहरबुझे सामानों को लेकर कौन सी मोहब्बत का अभियान चला रहे थे राहुल गांधी।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि आज अगर राहुल गांधी कश्मीर में झंडा फहराने में सफल हो रहे हैं तो सिर्फ इसलिए क्योंकि हमारे संयोजक ने अपने प्राण त्यागे और हमारे प्रधानमंत्री ने अगस्त 2019 में कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया।
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस अगर भारत जोड़ने की बात करती है तो ये बड़ी विडम्बना की बात है। इनकी एक ही नीति रही है “बांटे आंगन और गलियारे, बांटे मंदिर और गुरुद्वारे, गांव-गांव और खेत-खेत में तुमने जाति पाति की म्याद बांट दी और एक वोट के खातिर तुमने देश की बुनियाद बांट दी।”