पीएम मोदी की पाठशाला में छात्रों ने पूछे सवाल, पीएम ने दिया दिलचस्प जवाब। पढ़े पूरी रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (27/01/2023): “परीक्षा पे चर्चा” में छात्रों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ ‘सामाजिक स्थिति’ बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है।

पीएम मोदी ने कहा कि यदि आप बेहतर करते हैं, तो आपके आस-पास से और भी बेहतर करने का स्वाभाविक दवाब है। इससे कोई बचा नहीं है। आपकी तरह हमें भी अपने राजनीतिक जीवन में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।

पीएम मोदी ने कहा कि चुनावों के उत्कृष्ट परिणाम हमेशा ‘अधिक उत्कृष्ट’ होने की अपेक्षा की जाती है। तो, चिंता मत करो, बस तनाव मुक्त और प्रफुल्लित रहने के साथ-साथ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें। आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आप से नई अपेक्षा करेगा। चारों तरफ से दबाव होता है लेकिन क्या हमें इस दबाव से दबना चाहिए?

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे ही आप भी यदि अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबाव के दबाव में ना रहें। अपने भीतर देखो, आत्मनिरीक्षण के लिए जाओ। आपको अपनी क्षमता, अपनी आकांक्षाओं, अपने लक्ष्यों को पहचानना चाहिए और फिर उन्हें उन अपेक्षाओं के साथ जोड़ने का प्रयास करें जो अन्य लोग आपसे कर रहे हैं दवाब के दवाब में न रहें।

पीएम मोदी ने कहा कि सोचें, विश्लेषण करें, कार्य करें और फिर जो आप चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दें। केवल परीक्षा के लिए ही नहीं हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए। आप ऐसा स्लैब बनाइए कि जो आपको कम पसंद विषय है उसको पहले समय दीजिए। उसके बाद उस विषय को समय दीजिए जो आपको पसंद है।

पीएम मोदी ने कहा कि अपनी माँ के घर में समय-प्रबंधन को गहराई से देखें। जिस तरह से वह अत्यंत दक्षता के साथ हर चीज का सूक्ष्म प्रबंधन करती हैं, वह आप सभी के लिए जीवन में सीखने वाली चीज है। मां कभी भी ऐसा महसूस नहीं करती या कराती है जैसे किसी दबाव में हो। उससे सीखो, उसका जीवन।

पीएम मोदी ने कहा कि छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब ज़िंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है… इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा लेकिन ज़िन्दगी कभी पार नहीं कर पाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि जो मेहनती विद्यार्थी है उसकी मेहनत उसकी जिंदगी में अवश्य ही रंग लाएगी। हो सकता है कोई नकल कर आपसे दो-चार नंबर ज्यादा ले जाएगा लेकिन वो कभी भी आपकी ज़िन्दगी की रुकावट नहीं बन पाएगा।आपके भीतर की ताकत ही आपको आगे ले जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं उनका जीवन निश्चित रूप से एक धन्य जीवन होगा, रंगों से भरा जीवन। आपके और आपके साथियों के बीच परीक्षा में 2-3 अंकों का अंतर लंबे समय में जीवन में मायने नहीं रखता। जो समर्पित हैं वे निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि पहले काम को समझिए। हमें भी जिस चीज की जरूरत है उसी पर फोकस करना चाहिए। अगर मुझे कुछ अचीव करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा। तभी परिणाम मिलेगा। हमें ‘स्मार्टली हार्डवर्क’ करना चाहिए, तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे लोग हैं, जो बहुत मेहनत करते हैं; कुछ के लिए, ‘कड़ी मेहनत’ उनके जीवन के शब्दकोश में भी मौजूद नहीं है, कुछ मुश्किल से स्मार्ट वर्क करते हैं, और कुछ स्मार्टली हार्ड वर्क करते हैं। हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए और वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए उसी के अनुसार काम करना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि जब एक बार आप इस सत्य को स्वीकार कर लेते हैं की मेरी एक क्षमता है और मुझे अब इसके अनुकूल चीजों को करना है। आप जिस दिन अपने सामर्थ्य को जान जाते हैं, उस दिन बहुत बड़े सामर्थ्यवान बन जाते हैं। हर मां-बाप अपने बच्चों का सही मूल्यांकन करें और बच्चों के भीतर हीन भावना को ना आने दें।

परीक्षा पे चर्चा के दौरान छात्रों से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश, जिसे दुनिया ‘औसत’ कहती थी, अब विश्व स्तर पर चमक रहा है! इसलिए कभी भी अपनी क्षमता को कम मत आंकिए। समय बदलता है, हर किसी में कोई न कोई असाधारण हुनर ​​होता है, बात यह है कि आपको उन्हें पहचानने की आवश्यकता है। आदतन आलोचना करने वालों पर ध्यान मत दीजिए। हमें अपना फोकस कभी छोड़ना नहीं चाहिए। मां-बाप से भी मेरा आग्रह है कि टोका-टोकी के जरिए आप अपने बच्चों को ‘मोल्ड’ नहीं कर सकते।

पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि आलोचना’ और ‘दोष’ के बीच एक गहरी और मोटी रेखा है। आलोचनाएँ हमें बेहतर बनाती हैं और दोष एक ऐसी चीज़ है जिस पर हमें जीवन में ध्यान भी नहीं देना चाहिए। ताकत पर विश्वास करो, भगवान ने तुम्हें दिया है। अपनी खुद की स्मार्टनेस पर विश्वास करें, गैजेट्स की स्मार्टनेस पर नहीं। आप जितने ज्यादा स्मार्ट होंगे, आप गैजेट्स का उतना ही सही इस्तेमाल कर पाएंगे। इनका बुद्धिमानी से उपयोग करें।

सबसे पहले तो आपको यह निर्णय करना है कि आप स्मार्ट हैं या गैजेट स्मार्ट हैं। कभी-कभी आप खुद से ज्यादा स्मार्ट अपने गैजेट को मान लेते हैं और गलती वहीं से शुरू होती है।आप जितना स्मार्टली गैजेट का इस्तेमाल करेंगे उतने ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में अब गैजेट-उपयोगकर्ता के लिए औसतन छह घंटे का स्क्रीन-टाइम है। यह निश्चित रूप से उस समय और ऊर्जा की मात्रा को दर्शाता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अर्थहीन और उत्पादकता के बिना निकाल दी जाती है। यह गहरी चिंता का विषय है और लोगों की रचनात्मकता के लिए खतरा है। एक बार जब आप तकनीक के इस तरह के दुरुपयोग के चंगुल से खुद को बाहर निकाल लेंगे, तो आप आनंदित महसूस करेंगे। जिस क्षण आप आनंद महसूस करते हैं, आप सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त कर लेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि हम दिन-रात हम कॉम्पिटिशन के भाव में जीते हैं। हम अपने लिए जियें, अपने में जियें, अपनों से सीखते हुए जियें। सीखना सबसे चाहिए लेकिन अपने भीतर के सामर्थ्य पर भी बल देना चाहिए। एक एग्जाम के कारण जीवन एक स्टेशन पर रुकता नहीं है।

 

पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए ही नहीं, जीवन में टाइम मैनेजमेंट के प्रति हमें जागरूक रहना चाहिए। आप घर में अपनी मां को काम करते हुए देखिए, उनका टाइम मैनेजमेंट परफेक्ट होता है। आपको माइक्रो मैनेजमेंट करना है कि किस विषय को कितना टाइम देना है।

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया की सबसे पुरातन भाषा जिस देश के पास हो उस देश को गर्व होना चाहिए। UN में मैंने जानबूझ कर कुछ तमिल भाषा से जुड़ी बातें बताई क्योंकि मैं दुनिया को यह दिखलाना चाहता था कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषा हमारे पास है।।