टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (25/01/2023): दिल्ली सरकार की ओर से आज यानी बुधवार को छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित हुआ। इस समारोह में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हुए और ध्वजारोहण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बच्चों को संबोधित भी किया। इस अवसर पर अरविंद केजरीवाल ने चीन को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि सभी देशवासियों को 74वें गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई। भगत सिंह, राजगुरु जैसे युवाओं की शहादत के बाद देश को आज़ादी मिली थी। आज इस आज़ादी और गणतंत्र को कायम रखने और सुदृढ़ करने की ज़िम्मेदारी आने वाली पीढ़ियों के ऊपर छोड़ कर गए हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम आज कल मीडिया में पढ़ते हैं और सोशल मीडिया में खूब देखते और सुनते हैं कि हमारी सीमाओं के ऊपर चीन पिछले कुछ वर्षों से हमें आंखें दिखा रहा हैं। आज ही एक नामी अखबार में छपा है कि चीन ने हमारे देश की जमीन पर कब्जा कर लिया। यह हम सब लोगों के लिए चिंता का विषय है। सभी भारत वासियों के लिए चिंता का विषय है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चीन के सैनिकों से हमारे सैनिक लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते पूरी बहादुरी के साथ हमारे सैनिक चीन का मुकाबला बॉर्डर पर कर रहे हैं। एक तरफ हमारे सैनिक चीन का मुकाबला बॉर्डर के ऊपर कर रहे हैं और दूसरी तरफ पूरी देश को, सारी सरकारों को और हर देशवासी को, हमारा भी फर्ज बनता है कि हम उनकी इस लड़ाई में मेरे कंधे से कंधा मिलाकर साथ दें। हमारा भी फर्ज बनता है कि चीन को कड़ा संदेश दिया जाए कि भारत यह बर्दास्त नहीं करेगा। हमारा भी ये फर्ज बनता है कि हम चीन का बहिष्कार करें और उसको सख्त संदेश दें। उन्होंने आगे कहा कि हमने पिछले कुछ वर्षों में क्या किया? एक तरफ चीन हमें आंख दिखा रहा है, हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है और दूसरी तरफ हम चीन से अपना व्यापार बढ़ाते जा रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2020 में चीन से हमने $65 बिलियन का सामान ख़रीदा और 2021 में चीन से हमने $95 बिलियन का सामान ख़रीदा। हमने 50% बढ़ा दिया। हम चीन को अमीर बनाते जा रहे हैं। हमारे पैसों से वो हथियार ख़रीद रहे हैं और हमारे ऊपर आक्रमण कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र-राज्य सरकारें व्यापारियों को सभी सुविधाएं दें तो हम सारी चीज़ें भारत में बना सकते हैं और लाखों युवाओं को रोज़गार दे सकते हैं। लेकिन देश की व्यवस्था और एजेंसियों ने व्यापारियों को इतना मज़बूर कर दिया कि 5 साल में 12 लाख व्यापारी देश छोड़ कर चले गए।।