पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को पार्टी से निष्कासित करने की मांग हुई तेज, जानें पूरा मामला

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (23/01/2023): भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम को पार्टी से निष्कासित करने का मांग की है। दरअसल आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर चर्चा में है। उन्होंने रामचरितमानस को नफरती ग्रंथ बताने वाले बिहार के मंत्री चंद्रशेखर का समर्थन किया है। वहीं आप नेता का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल किया है और साथ ही पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने ट्वीट में लिखा है, “अरविंद केजरीवाल जी सामने आ कर बताईये की आप पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम के हिन्दू धर्म विरोधी भाषण से सहमत हैं? यदि नही तो आज अभी राजेन्द्र पाल गौतम को आम आदमी पार्टी से निष्कासित कीजिए अन्यथा हिन्दुओं के बहिष्कार के लिये तैयार रहिये।”

तो वहीं भारतीय जनता पार्टी के विधायक अजय महावर ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी दिल्ली को टैग करते हुए ट्वीट में लिखा है, “.@ArvindKejriwal जी क्या आप दिल्ली की जनता को बताओगे कि आप अपने प्रिय पूर्व मंत्री @AAPDelhi के विधायक राजेन्द्र पाल गौतम जी के रामचरित मानस के बयान से सहमत हैं? हाँ? या ना? दिल्ली जानना चाहती है जी।”

वायरल वीडियो में राजेंद्र पाल गौतम ने कहा है, “कई सारे टीवी चैनल पर डिबेट चल रही थी। वह कह रहे थे कि बिहार के मंत्री चंद्रशेखर जी ने जो मनुस्मृति को लेकर, रामचरितमानस को लेकर जो अपने उद्गगार व्यक्त किए। इस वजह से बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी के खिलाफ पूरे देश के मीडिया पीछे पड़ गया। अरे मैं पूछना चाहता हूं कि डॉ. चंद्रशेखर ने गलत क्या कहा? अपनी मर्जी से क्या कहा? जो मनु स्मृति में लिखा है, रामचरितमानस में लिखा है, उन्होंने यही तो कहा कि जो लिखा है वह गलत है, वह स्त्री और दलित विरोधी है। क्या हम सबको डॉ. चंद्रशेखर के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए? क्या देश के अंदर समतावादी और मानवतापसंद लोगों को आंख मिचकर अंधे लोगों का अनुसरण करना चाहिए?”

उन्होंने आगे कहा कि “क्या रामचरित मानस में यह लिखा नहीं है कि ढोल गंवार शुद्र पशु नारी, ये सब ताड़ना के अधिकारी, वो अब वाख्या कर रहे हैं कि ताड़न का मतलब देखना, जबकि उसमें क्लियर ताड़न का मतलब है पीटना। यदि देखने की बात है तो ये बताओ नारी को घूरना चाहिए, क्या पीटना चाहिए? आपके धर्म शास्त्र हमें मानवता का दर्जा देने के लिए तैयार नहीं है। तुम्हारी आस्था आस्था है, तुम तो कह रहे हो कि हमारी आस्था को ठेस पहुंच रही है। हमारी तो बहन बेटियों की रोज इज्जत लुट रही है, हमारे युवाओं को मारा जा रहा है, बस्तियां जलाईं जा रही हैं।”

बता दें कि आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने बौद्ध महासभा के कार्यक्रम में हिंदुओं के देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाया था जिसके वजह से काफी बवाल मचा था और उन्हें कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने पड़ा था।।