टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (20/01/2023): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पत्र का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि “सर, हमें अपना काम करने दीजिए, आप दिल्ली की क़ानून व्यवस्था ठीक कीजिए ताकि कंझावला जैसा दूसरा केस फिर ना हों।” दरअसल आज सुबह दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके हालिया टिप्पणी ‘एलजी कौन हैं?’ के संबंध में पत्र लिखा था।
अरविंद केजरीवाल ने पत्र में कहा, “आपका पत्र मिला। आपने लिखा है कि कुछ दिन पहले जब हम सब MLA आपसे मिलने आये थे तो आप इसलिए नहीं मिल पाये क्योंकि हम बिन बताये अचानक आ गए। अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सारी कैबिनेट और सारे विधायक यदि आपके द्वार पर खड़े थे तो जाहिर है कि राज्य से संबंधित बड़ी ही समस्या लेकर आये थे। आप चाहते तो पाँच मिनट बाहर आकर ही हमसे मिल सकते थे। आप हमसे नहीं मिले, इससे पूरे प्रदेश में लोगों को बुरा लगा। दिल्ली के लोगों ने अपमानित महसूस किया कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने 2 करोड़ लोगों के प्रतिनिधियों से मिलने से मना कर दिया।”
अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को सभी मंत्रियों और विधायकों को बातचीत के लिए और खाने पर आमंत्रित करने के लिए पत्र में धन्यवाद कहा है और समय भी दिया है। उन्होंने कहा कि “यदि आपको सहूलियत हो तो हम सब दिन शनिवार 21 जनवरी को 1 बजे आपके घर आ जाएँगे। यदि ये समय आपको सुविधा ना हो तो आप हमें अपनी सुविधानुसार समय बता दें, हम उसी समय आ जाएँगे।”
उन्होंने कहा कि “आपने अपने पत्र में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था की काफ़ी आलोचना की है। दिल्ली की जनता ने हमें तीसरी बार ऐतिहासिक बहुमत दिया है। जनता की नज़रों में हम अच्छा काम कर रहे हैं। फिर भी आपकी आलोचना सर माथे पर। कोई भी सिस्टम परफ़ेक्ट नहीं होता। दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में पहले के मुक़ाबले ज़बर्दस्त सुधार हुए हैं। लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाक़ी है। अभी बहुत लंबा सफर तय करना है। यदि केंद्र सरकार और सभी LG साहिबों ने पिछले वर्षों में दिल्ली वालों के काम में अड़चन ना की होती तो अभी तक और भी बहुत कुछ हासिल कर चुके होते।”
उन्होंने दिल्ली के एलजी पर पेमेंट रोकने के आरोप लगाते हुए कहा कि “आप सोचिए ना। एक तरफ़ एलजी साहिब दिल्ली के सभी मोहल्ला क्लिनिक के डॉक्टरों की सैलरी, लैब टेस्ट, किराया और बिजली बिल की पेमेंट रोक देते हैं और फिर कहते हैं कि मोहल्ला क्लिनिक अच्छे नहीं चल रहे? एक तरफ़ एलजी साहिब अफ़सरों को कह कर दिल्ली जल बोर्ड के सारे फण्ड बंद करवा देते हैं और फिर कहते हैं कि दिल्ली वालों को पानी नहीं मिल रहा? सर इस क़िस्म की राजनीति अच्छी नहीं है। उपराज्यपाल को ऐसी राजनीति से बचना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “संविधान ने आपको तीन ज़िम्मेदारियों दी हैं दिल्ली की क़ानून व्यवस्था, दिल्ली पुलिस और DDA आज पूरे देश में दिल्ली की क़ानून व्यवस्था सबसे ख़राब है। जब दुनिया दिल्ली को रेप कैपिटल कहती है तो हर दिल्लीवासी का सर शर्म से झुक जाता है। दिल्ली में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं। किसी भी महिला का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल जी पर अभी हमला हुआ। यदि महिला आयोग की अध्यक्ष ही सुरक्षित नहीं है तो एक आम महिला की क्या बात करें।”
उन्होंने कहा कि “दिल्ली वालों ने आज तक आपको दिल्ली की क़ानून व्यवस्था पर कोई काम करते नहीं देखा। दिल्ली की जनता आपको केवल उनकी चुनी हुई सरकार के रोज़मर्रा के कामों में हस्तक्षेप करते हुए ही देखा है। लोगों में भारी रोष है कि आप लोगों के कामों में रोज़ क्यों अड़ंगा लगाते हैं। अगर दिल्ली के लोग अपने टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजना चाहते हैं तो आप इसको क्यों रोकते हैं। जब आप रोज़ लोगों के काम रोकते हैं, तभी लोग कहते हैं LG साहिब हमारे काम रोकने वाले कौन होते हैं?”
उन्होंने कहा कि “संविधान ने आपको दिल्ली की क़ानून व्यवस्था ठीक करने का काम दिया है। आप वो काम कीजिए ना? संविधान ने हमें बाक़ी काम दिये हैं, हमें अपने काम करने दीजिए। आपको यदि हमारे काम ठीक नहीं भी लगते, तब भी आपको हमारे कामों में विघ्न डालने का कोई अधिकार नहीं है। वैसे ही जैसे हम आपके कामों में हम विघ्न नहीं डालते।”
अरविंद केजरीवाल ने आखिर में एक उदाहरण देते हुए कहा कि “किसी दिन यदि सूर्य को लगने लगे कि चाँद ठीक से काम नहीं कर रहा, आज मैं चाँद का काम करूँगा, तो सारी सृष्टि गड़बड़ा जायेगी। सूर्य अपना काम करे और चंदा अपना काम करे, तभी अच्छे लगते हैं, तभी सारी व्यवस्था सुचारू रूप से चलती है। सीएम को अपना काम करने दीजिये, आप दिल्ली की क़ानून व्यवस्था ठीक कीजिए ताकि कंझावला जैसे केस दोबारा ना हों, तभी दिल्ली की व्यवस्था ठीक चलेगी।”