टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (19/01/2023): भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) के खिलाफ विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत देश के कई दिग्गज पहलवान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं कल यानी बुधवार को भी इन पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। इन पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और कोच पर यौन शोषण और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उन्हें पद से हटाने की मांग की है। इस मामले में अब केंद्रीय खेल मंत्रालय ने संज्ञान लिया है और भारतीय कुश्ती महासंघ से 72 घंटों के भीतर जवाब मांगा है।
भारतीय खेल प्राधिकरण ने बयान जारी कर कहा कि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) से स्पष्टीकरण मांगा है और उसे ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं सहित पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों पर अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है। इसके अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण ने कहा कि लखनऊ में 18 जनवरी से शुरू होने वाले महिला राष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षण शिविर को भी रद्द कर दिया है। यह भारतीय खेल प्राधिकरण के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOE) में आयोजित होने वाला था जिसमें 41 पहलवान और 13 प्रशिक्षक और सहायक कर्मचारी भाग लेते।
पहलवानों के आरोपों पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि जहां तक इन खिलाड़ियों का सवाल हैं ये ओलंपिक पदक विजेता हैं। उसमें हमारा भी सहयोग है। ओलंपिक के बाद इन्होंने एक भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया और सब सरकार की स्कीमों का फायदा ले रहे हैं। जब राष्ट्रीय प्रतियोगिता की बात आती है तो इनकी तबीयत खराब हो जाती है। अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में इनकी तबीयत ठीक हो जाती है। अभी फेडरेशन ने निर्णय लिया कि कोई भी विजेता हो उसे नेशनल खेलना होगा, अगर वे बीमार है तो उसका मेडिकल दे। निर्णय से सरकार को अवगत करा दिया गया था। जो लोग नेशनल लड़ कर आ रहे हैं अगर हम उन्हें बाहर कर देंगे और जो नेशनल लड़ कर नहीं आ रहे हैं उन्हें कैंप में ले लेंगे तो दूसरों के साथ अन्याय होगा। ये पॉलिसी इन्हें पसंद नहीं आई।
आपको बता दें इससे पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस पूरे मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के यूनियन खेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया था।।