पद्मश्री डॉ रणदीप गुलेरिया ने लोगों को स्वस्थ फेफड़े एवं स्वस्थ जीवन को लेकर किया जागरूक

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (18 जनवरी 2023): जीटीटीसीआई द्वारा 17 जनवरी 2023 को मेदांता अस्पताल के सहयोग से एक वार्ता का आयोजन हुआ। उक्त वार्ता में पद्मश्री डॉ. रणदीप गुलेरिया ने लोगों को स्वस्थ फेफड़े को लेकर जागरूक किया।

इस वार्ता में जीटीटीसीआई के सदस्यों और देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों ने भाग लिया। उक्त कार्यक्रम में मंगोलिया के राजदूत दंबजाविन गणबोल्ड भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में पवन कंसल, जगदंबा कटलरी लिमिटेड; सेंटर फॉर स्किन एंड हेयर प्राइवेट लिमिटेड की डॉ. दीपाली; आर्ट डे डेनियल की डॉ. गगनप्रीत कपूर; कोर से प्रियंका सचदेवा सहित कई नामचीन डॉक्टरों की उपस्थिति रही।

कोविड-19 के प्रकोप के दौरान देश के प्रति उनके अथक और निस्वार्थ सेवा करने वाले पद्मश्री डॉ. गुलेरिया की उपस्थिति शानदार रही। मेदांता सेंटर हेड डॉ. शुभांक और जीटीटीसीआई के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. गौरव गुप्ता ने डॉ. गुलेरिया को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। डॉ. गुलेरिया ने अपने संबोधन में स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत बताई। इसलिए, अगर हमें कोई बीमारी नहीं भी है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम स्वस्थ हैं। स्वस्थ रहने के लिए, हमें सामग्री के मामले में अच्छा होना चाहिए। हमें इसका एहसास नहीं हो सकता है, लेकिन किसी को बहुत अधिक तनाव हो सकता है, जिसे संबोधित करने की आवश्यकता है। हमें अपने भौतिक मापदंडों के मामले में शारीरिक रूप से भारी होना चाहिए। डॉ गुलेरिया के विचारों को सुनकर दर्शक उत्साहित दिखे। डॉ. गुलेरिया ने बताया कि यह किस तरह के विकारों को जन्म दे सकता है जो तथाकथित मेटाबोलिक सिंड्रोम का हिस्सा है। और फिर आध्यात्मिक स्वास्थ्य की दृष्टि से हमारे साथ शांति से रहने का मुद्दा भी है। इसलिए, जब हम स्वास्थ्य को देखते हैं, तो हमें लगता है कि इसे समग्र रूप से देखना महत्वपूर्ण है। हमें समग्र स्वास्थ्य का एक संपूर्ण तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है जो उपचारात्मक के बजाय अधिक निवारक हो। दूसरा मुद्दा यह है कि हमारे देश में बीमारी के स्वास्थ्य पैटर्न के मामले में काफी बदलाव आया है।

समापन करते हुए, डॉ. गुलेरिया ने याद किया कि कैसे एमबीबीएस के दौरान उन्हें एम्स परिसर में रहना पड़ता था। तो सभी साइकिल से जाते थे या पैदल जाते थे। तो यह एक तरीका है कि शारीरिक गतिविधि के लिए जीवन भर का इतिहास एक जटिल है।

आखिरी में उपस्थित लोगों ने डॉ गुलेरिया से कई प्रश्न पूछे, सहजतापूर्वक डॉ गुलेरिया ने सबों का जवाब दिया।।