नई दिल्ली- 14 जनवरी, 2023– हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने आगरा, उत्तर प्रदेश में 14 जनवरी, 2023 को “साइबर अपराध से अपने बिजनेस की सुरक्षा कैसे करें” और हस्तशिल्प निर्यातकों के लिए “डिजाइन, ट्रेंड और फोरकास्ट” पर एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया I
ईपीसीएच महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि इस आयोजन के दौरान अवधेश अग्रवाल, सहयोजित सदस्य – सीओए, ईपीसीएच और अध्यक्ष – आईएचजीएफ दिल्ली फेयर स्प्रिंग 2023 रिसेप्शन कमेटी; अनुज कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग और जीएम डीआईसी, आगरा; विजय तोमर, सीसीओ साइबर सेल यूपी पुलिस; सुल्तान सिंह, निरीक्षक (प्रभारी), अपराध प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश पुलिस; राकेश कुमार, सहायक डीजीएफटी, जोनल डीजीएफटी सीएलए कानपुर; डॉ. मुकेश शर्मा (आईईएस), सहायक निदेशक, एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालय, आगरा; रक्षित टंडन, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ; रजत अस्थाना, संयुक्त संयोजक – क्षेत्रीय समिति मध्य क्षेत्र, ईपीसीएच; राजेश रावत, अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक – ईपीसीएच; ईपीसीएच के प्रमुख डिजाइनर अमला श्रीवास्तव और आगरा के प्रमुख निर्यातक मौजूद थे उपस्थित थे I
राजेश रावत, अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक – ईपीसीएच ने डीजीएफटी से सभी अधिकारियों, इंडस्ट्री व जीएम-डीआईसी के जॉइंट कमिश्नर, यूपी पुलिस के साइबर अपराध विभाग, ईपीसीएच के प्रशासनिक समिति के सदस्यों और आगरा के जाने माने निर्यातकों का स्वागत किया I उन्होंने बताया कि यह सेमिनार निर्यातकों को साइबर अपराध से उनके बिजनेस को सुरक्षित रखने के उपायों को समझने और हस्तशिल्प के नवीनतम डिजाइन, ट्रेंड और फोरकास्ट की गहरी समझ पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है I उन्होंने कहा कि ईपीसीएच अखिल भारतीय स्तर पर विशेषज्ञों के जरिए जागरूकता सेमिनारों की सिरीज आयोजित करने में हमेशा सबसे आगे रहा है I
ईपीसीएच के अवधेश अग्रवाल को-ऑप्टेड सदस्य सीओए और आईएचजीएफ दिल्ली फेयर स्प्रिंग 2023 रिसेप्शन कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि बिजनेस से जुड़ी जानकारी एक अमूल्य पूंजी है जिसमें अनधिकृत बदलाव करने और उसे सबके सामने उजागर किए जाने से सुरक्षित किया जाना चाहिए I साइबर अपराधियों के खिलाफ हमारी सबसे पुख्ता सुरक्षा ही इसे रोकने में मददगार साबित होगी. मौजूदा कारोबारी माहौल में साइबर सुरक्षा का महत्व काफी बढ़ गया है और सदस्य निर्यातकों को इसके सुरक्षा उपायों को लेकर जागरूकर करने की जरूरत है I
ईपीसीएच के क्षेत्रीय समिति मध्य क्षेत्र के संयुक्त संयोजक रजत अस्थाना ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद की झलक संभावनाओं को प्रोत्साहित करती है I ग्राहक खुद के नए पहलुओं को खंगालने और उसका आनंद लेने को उत्साहित हैं, लिहाजा निर्यातकों को अपने उत्पादों को तैयार करने से पहले उपभोक्ताओं की मानसिकता को समझना चाहिए I
अनुज कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग और जीएम डीआईसी, आगरा ने कहा कि जिला उद्योग केंद्रों का प्रबंधन और संचालन जिला स्तर पर किया जाता है ताकि उद्यमियों या पहली बार व्यापार करने वालों को वे सभी सहायता सेवाएँ दी जा सकें जिनकी उन्हें अपने स्वयं के एमएसएमई शुरू करने के लिए आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, डीआईसी औद्योगिक सहकारी समितियों के निर्माण और विकास का समर्थन करते हैं। उन्होंने निर्यातकों से ‘निवेश सारथी’ पोर्टल पर अपने इरादे को आगे बढ़ाने का भी आग्रह किया ताकि उत्तर प्रदेश सरकार और डीआईसी क्षेत्र की आवश्यकता को समझ सकें और उन्हें तदनुसार नीतियां बनाने में सक्षम बना सकें।
डॉ. मुकेश शर्मा (आईईएस), सहायक निदेशक एमएसएमई विकास एवं सुविधा कार्यालय, आगरा ने बताया कि एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार देश से एमएसएमई को आकार देने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि हस्तशिल्प एमएसएमई के प्रभुत्व वाला एक कुटीर उद्योग है। योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई द्वारा विभिन्न पहल की जा रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि एमएसएमई विभाग ने वित्त, कच्चा माल, श्रम, अनुमति आदि जैसी कठिन परिस्थितियों में एमएसएमई की मदद के लिए ‘चैंपियंस पोर्टल’ और ‘समाधान पोर्टल’ लॉन्च किया है।
सुल्तान सिंह, इंस्पेक्टर (प्रभारी), साइबर सेल यूपी पुलिस के साथ विजय तोमर, सीसीओ साइबर सेल यूपी पुलिस ने प्रतिभागियों को सूचित किया कि साइबर अपराध से संबंधित अपराध बढ़ रहे हैं, क्योंकि साइबर अपराधी लोगों की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी का सबसे आम प्रकार बैंकों से संबंधित है, जिसमें धोखेबाज खुद को बैंक अधिकारी बताते हैं और पीड़ितों को ओटीपी, केवाईसी अपडेट साझा करने के लिए राजी करते हैं, और कभी-कभी बैंक खातों तक पहुंचने के लिए क्लिक करने के लिए लिंक भेजते हैं। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि पुलिस साइबर अपराध के पीड़ितों की सहायता के लिए हमेशा तैयार है और उनसे सतर्क, जागरूक रहने और ऐसे किसी भी मामले की रिपोर्ट करने में संकोच न करने का आग्रह किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार के साइबर क्राइम पर भी चर्चा की और उनसे बचने के लिए स्मार्ट मॉडल प्रदान किया।
साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट रक्षित टंडन ने जानकारी से भरपूर एक प्रजेंटेशन दिया I उन्होंने व्यक्तिगत जानकारियों की हैकिंग, रैनसमवेयर जैसे प्रमुख बिजनेस खतरों, डेटा ब्रीच, प्रमुख बिजनेस खतरों, इम्पर्शनेशन (छद्म रूपधारण), सिम स्वैपिंग (मोबाइल सिम पर कंट्रोल हासिल करना), वित्तीय धोखाधड़ी और इस तरह की अन्य चीजों का उदाहरण दिया. उन्होंने ये भी बताया कि साइबर अपराध से कैसे बचा जा सकता है और इसे रोकने के उपायों के लिए सुझाव भी दिए, जैसे- कारगर एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर के उपयोग से वायरस और मैलवेयर से सुरक्षा, ऑपरेटिंग सिस्टम और इंटरनेट सुरक्षा के लिए अपडेटेड सॉफ्टवेयर का होना जरूरी है, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सभी निजी जानकारियों को लॉक रखा जाना चाहिए, इत्यादि I
राकेश कुमार, सहायक डीजीएफटी, डीजीएफटी सीएलए कानपुर ने कहा कि डीजीएफटी योजनाओं और प्रोत्साहनों ने भारत के निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। निर्यातकों को अपना निर्यात बढ़ाने में मदद करने के लिए इंटरेस्ट इक्वालाइज़ेशन्न योजना, ईपीसीजी योजना, एमएआई योजना, डीएफआईए और अन्य योजनाएं उपलब्ध हैं।
ईपीसीएच की हेड डिजाइनर अमला श्रीवास्तव ने वर्चुअल रूप से प्रतिभागियों को 2024 के लिए उभरती प्रवृत्ति और डिज़ाइन के बारे में सूचित किया कि वैश्विक बाज़ार देख रहा है और निर्माताओं को सबसे हाल के रुझानों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता देनी चाहिए जिसके माध्यम से ग्राहक आकर्षित होते हैं।
इस दौरान प्रतिभागियों ने डिजाइन, ट्रेंड और फोरकास्ट, साइबर सुरक्षा के तरीकों, मार्केटिंग और अनुपालनों इत्यादि से जुड़े कई सवाल पूछे. अधिकारियों ने सभी सवालों के जवाब दिए और निर्यातकों के प्रश्नों का समाधान किया I
ईपीसीएच देश से दुनिया के विभिन्न गंतव्यों में भारतीय हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता के हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारतीय छवि को पेश करने वाली एक नोडल एजेंसी है I ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि साल 2021-22 के दौरान 33253.00 करोड़ रुपये (4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का निर्यात हुआ था जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 29.49% जबकि डॉलर के संदर्भ में 28.90% की वृद्धि दर्ज की गई थी I