नई दिल्ली – 11 जनवरी 2023 – जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में महावाणिज्य दूत और कार्यकारी काउंसल जनरल एवं भारतीय महावाणिज्य दूतावास, फ्रैंकफर्ट के आर्थिक और वाणिज्य विंग के प्रमुख विनोद कुमार और सदस्य निर्यातकों की गरिमामयी उपस्थिति में हेमटेक्स्टिल, 2023 आयोजन की शुरुआत हई। यह मेला 10 से 13 जनवरी 2023 तक आयोजित किया जाएगा। यह भारत के लिए “भारत के अतुल्य वस्त्र”, अतुलनीय विविधता, समृद्ध संस्कृति, कला और शिल्प की परंपरा को हेमटेक्स्टिल जैसे बड़े मंच पर प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर है। ईपीसीएच ने हॉल संख्या 10.3 और हॉल 6.2 में देश के कोने-कोने से आए 20 सदस्य निर्यातकों के साथ भागीदारी का आयोजन किया है राकेश कुमार महानिदेशक ईपीसीएच ने सूचित किया I
अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि हेमटेक्स्टिल इंटीरियर टेक्सटाइल्स, इंटीरियर डिजाइन, होम फर्निशिंग्स और हाउसहोल्ड टेक्सटाइल्स के लिए दुनिया का सबसे बड़ा इवेंट है। यह व्यापार शो अपने नए उत्पादों और प्रवृत्तियों के साथ दुनिया भर से प्रदर्शन करने वाली कंपनियों और पेशेवर आगंतुकों दोनों को महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पिछले कुछ वर्षों में हेमटेक्स्टिल फ्रैंकफर्ट में भारत की उपस्थिति में भी काफी वृद्धि हुई है।
ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि चीन के बाद भारत की भागीदारी दूसरी सबसे बड़ी भागीदारी है, लगभग 400 भारतीय प्रदर्शक शो का हिस्सा हैं। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह सर्वविदित है कि आज डिजिटल क्रांति के कारण टेक्सटाइल फर्निशिंग क्षेत्र को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। डिजिटलीकरण उत्पादन पक्ष और खुदरा पक्ष पर कई अवसर खोलता है, हालांकि, यह पर्चेजिंग फ्लो में कई महत्वपूर्ण बदलाव भी करता है। इन सबके बावजूद 120 से अधिक देशों के लगभग 2400 प्रदर्शक हेमटेक्स्टिल, 2023 में भाग ले रहे हैं।
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर.के. वर्मा ने कहा, भारत की भागीदारी मेले की जीवंतता और विविधता को बढ़ाएगी, साथ ही साथ वैश्विक निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और ब्रांडों को भारतीय कपड़ा, होम फर्निशिंग और उपभोक्ता उत्पाद उद्योगों में मजबूत उद्यमिता से परिचित कराएगी इसके साथ ही यह आयोजन भारत से सोर्सिंग के अवसर भी खोलेगा।
अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा कि जर्मनी भारतीय उत्पादों के लिए एक प्रमुख बाजार है। ऐसे में हेमटेक्स्टिल पूरी दुनिया में भारतीय कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्केटिंग माध्यम साबित होने वाला है।
ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 33253.00 करोड़ (4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 29.49% और डॉलर के संदर्भ में 28.90% की वृद्धि दर्ज हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान जर्मनी में होने वाला हस्तशिल्प निर्यात 1816.70 करोड़ (243.65 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 19.36% और डॉलर के संदर्भ में 18.82% की वृद्धि दर्ज हुई है, राकेश कुमार, महानिदेशक – ईपीसीएच द्वारा सूचित किया गया।