भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 108वें सत्र में भाग लिए पीएम मोदी, संबोधन के मुख्य अंश

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (03/01/2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 108वें सत्र के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 108वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। विज्ञान में जोश के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है तो नतीजे भी अभूतपूर्ण आते हैं। मुझे विश्वास है कि भारत की वैज्ञानिक समुदाय भारत को 21वीं सदी में वो मुकाम हासिल कराएगी जिसका वो हमेशा हकदार रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के आज के भारत में हमारे पास दो चीज़े हैं। पहली डेटा और दूसरी तकनीक है। इन दोनों में भारत के विज्ञान को नई बुलंदियों में पहुंचाने की ताकत है। डेटा विश्लेषण की फील्ड तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। आज का भारत जिस साइंटिफिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, हम उसके नतीजे भी देख रहे हैं। साइंस के क्षेत्र में भारत तेजी से विश्व के टॉप देशों में शामिल हो रहा है। 2015 तक हम 130 देशों की वैश्विक नवाचार सूचकांक में 81 नंबर पर थे और 2022 में हम 40 वें नंबर पर पहुंच गए हैं। आज भारत पीएचडी के मामले में दुनिया के टॉप 3 देशों में है, आज भारत स्टार्टअप इकोसिस्टम के मामले में दुनिया के टॉप 3 देशों में है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि साइंस के ज़रिए वुमन इम्पावरमेंट करें, बल्कि वुमन की भागीदारी से साइंस का भी इम्पावरमेंट करें। साइंस और रिसर्च को नई गति दें, यह हमारा लक्ष्य है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आवश्यकता की पूर्ति के लिए भारत में विज्ञान का विकास हमारे वैज्ञानिक समुदाय की मूल्य प्रेरणा होनी चाहिए। भारत में विज्ञान भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाली होनी चाहिए।

बता दें भारतीय विज्ञान कांग्रेस भारतीय वैज्ञानिकों की शीर्ष संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष 1914 में हुई थी। प्रतिवर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में देश के अलग अलग शहरों में इसका सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत में विज्ञान को बढ़ावा देना है।।