टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (18 नवंबर 2022): शिखर एनजीओ संस्था के द्वारा अयोजित 10वें सीएसआर सम्मिट में विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने भाग लिया।
राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने मंच से कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों एवं सज्जनों को संबोधित करते हुए कहा कि “कोल एनर्जी पर अधारित हमारी विद्युत व्यवस्था है, वह निश्चित रूप से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। उससे बचने का वर्तमान में एक उपाय आया है नवीकरणीय ऊर्जा। 2030 तक यह लक्ष्य रखा गया है कि भारत की जितनी ऊर्जा आवश्यकता है उसका 50 फीसदी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त किया जाएगा।”
आगे श्री खान ने कहा कि “शिखर संस्था जब बना था तब मुझे यह उम्मीद तो नहीं था कि इतना बड़ा प्लेटफार्म बनेगा और कई बड़े -बड़े संस्था इससे जुड़ेंगे और मिलजुलकर गतिविधियों को कॉर्डिनेट करेगा। इसलिए मैं शिखर संस्था एवं उनके कार्यकर्ताओं को बहुत शुभकामनाएं देता हूं। जो लोग अपने कंपनी, ऑफिस और अपने घरों से निकलकर इस कार्य में संस्था का सहयोग करते हैं उनसभी को भी बधाई देता हूं। विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके बारे में कोई सरकार चाहे, कॉरपोरेट हाउस चाहे या फिर सरकारी कंपनी चाहे करना संभव नहीं है जबतक कि जनभागेदारी नहीं होगी।”
आगे राज्यसभा सांसद ने कहा कि ” हम राजनीतिक लोग जब कभी कोई भागेदारी करते हैं तो लोगो के मन में एक समान्य धारणा होती है कि इनका इससे राजनीतिक लाभ होगा। यहां तक कि जब कभी सरकारें कोई अच्छी योजना भी चलाती है तो माना जाता है कि इससे इनको राजनीतिक लाभ होगा जबकि उनका बुनियादी प्रयास होता है कि अच्छी योजनाएं बनाई जाए जिससे जनता का और लोगो का विकास हो, लेकिन वो राजनीतिक छाप उसके अंदर रहती जरूर है। लेकिन आपलोग जिस क्षेत्र से आते हैं यदि आपलोग इस मुहिम को चलाते हैं तो इसकी गंभीरता बढ़ जाती है।”
राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने कहा कि” अब तो कानून भी बन चुका है कि जो उद्यम क्षेत्र में सफल हैं, वह अपने आमदनी का एक अंश CSR के माध्यम से जनकल्याण कार्यों में लगाएंगे। जब यह कानून नहीं बना था उस वक्त भी जो व्यापारी थे, वो जनकल्याण कार्यों में पैसा देते थे।”
विद्यालयों का उदाहरण देते हुए कहा कि” आज भी कई ऐसे बड़े संस्थाएं हैं 12वीं स्तर के विद्यालय हैं। सब पुराने लोगों के सहयोग से बनाए गए हैं।”
अपने वक्तव्यों को विराम देते हुए राज्यसभा सांसद जावेद अली खान ने कहा कि ” ऐसे क्षेत्र जो समाज कल्याण के लिए बने हैं, जैसे चिकित्सा का क्षेत्र या शिक्षा का क्षेत्र। ऐसे क्षेत्र में लाभ अर्जन करने वाले लोगों पर रोक लगनी चाहिए और इसके लिए कानून बनाया जाना चहिए कि चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत लोग एवं संस्था लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से कार्य ना करें”।।