EWS आरक्षण पूरे समाज और देश के हित में है: Shyam Jaju, Former Vice President, BJP

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (11 नवंबर 2022): वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा संविधान में 103वें संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए नौकरी में प्रवेश हेतु 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान लागु किया गया था। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर कई विपक्षी सियासी पार्टियों ने इसका विरोध किया था,और कई लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। 7 नवंबर को उच्चतम न्यायालय ने EWS आरक्षण को सही ठहराते हुए इस मामले पर मुहर लगा दी।

इस बाबत टेन न्यूज नेटवर्क के दिल्ली संवाददाता रंजन अभिषेक ने भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं कद्दावर नेता श्याम जाजू से खास बातचीत की।

 

खास बातचीत के दौरान श्याम जाजू EWS आरक्षण के प्रावधान को लागू करने और इसके पीछे की मंशा को बताते हुए बोले “जब देश आजाद हुआ था तब आरक्षण का मामला शुरू हुआ था। देश के कुछ तबकों के लिए जो उस समय पिछड़े हुए थे, उनको मुख्य प्रवाह में लाने के लिए सरकार ने आरक्षण का प्रावधान लागु किया था। जो जातीय आधार पर था, उस समय एक वर्ग के लोगों पर अत्याचार हुआ था तो उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए इसे लागू किया गया था। ये तात्कालिक रूप से की गई थी,जो हर 10 वर्षों के बाद आगे बढ़ गई। साथ ही देश ने यह भी देखा है कि अब सवर्णों में भी कई लोग हैं, जो गरीब हैं, तो उन्हें कैसे सहयोग किया जाए इस पर हमारी सरकार ने विचार किया और इसे लागू किया। देशभर में 40 से अधिक मामले दर्ज किए गए लेकिन आखिरकार न्यायालय ने भी इस मामले पर अपनी मुहर लगा दी है।”

आरक्षण मामले पर विरोधियों पर निशाना साधते हुए भाजपा के दिग्गज नेता श्याम जाजू ने कहा कि ” किसी समाज के फेसिलिटी को खींचकर दूसरे समाज को देना उस समाज पर अन्याय है। लेकिन उस फेसिलिटी को छुए बिना दूसरे समाज के कमजोर लोगों के लिए अतिरिक्त आरक्षण की व्यवस्था करना कोई गलत नहीं है। किसी समाज को केवल इसलिए सुविधा से वंचित नहीं रखा जा सकता है कि तुम इस जाति के नहीं हो इसीलिए तुमको ये लाभ नहीं दी जाएगी। ऐसा नहीं हो सकता है।”

 

कांग्रेस नेता द्वारा न्यायलय को “जातिवादी” कहने पर जोरदार पलटवार करते हुए श्री जाजू ने कहा कि ” हमारे देश का यह दुर्भाग्य है कि लोग किसी भी बात पर टीका टिप्पणी करने लगते हैं। आपने उदित राज का उदाहरण दिया, इस देश में लोगों ने तो वैक्सिन पर भी सवाल उठा दिए, सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। आज हमलोग बिना मास्क के बात कर रहे हैं, इसका कारण यही है कि इस देश के सबसे तेजी से और सबसे प्रभावशाली वैक्सिन ली लेकिन उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने उसपर भी राजनीति कर दी और फिर बाद वैक्सिन भी ले ली।”

साथ ही आखिरी में श्याम जाजू ने कहा कि किसी समाज के फेसिलिटी को घटाकर दूसरे को फेसिलिटी प्रदान करना गलत है, लेकिन यदि सरकार किसी समाज के विकास के लिए अतिरिक्त आरक्षण की व्यवस्था करती है तो यह पूरे देश और समाज के हित में है।