नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर भारी पडे हैं। दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चूके गुजरात के हाई प्रोफाईल राज्यसभा की तीसरी सीट की बाजी कांग्रेस के हाथ लगी है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तमाम रणनीतियों को मात देते हुए अहमद पटेल दोबारा से राज्यसभा की अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं। पटेल की जीत के साथ ही बीते दस दिनों से जारी गुजरात के राज्यसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी ड्रामें का अंत हुआ है। इस ड्रामें के बाद पटेल जहां एकबार दोबारा से कांग्रेस के सबसे ताकतवर नेता के रूप में उभरे हैं। तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राज्यसभा का चुनाव जीत कर भी नैतिक बाजी हार गए हैं। लंबे अरसे बाद उनकी रणनीति को झटका लगा है।
कांग्रेस—भाजपा के लिए नाक का सवाल बन चूकी गुजरात की हाई प्रोफाईल तीसरी सीट के लिए दोनों ही दलों की ओर से हर हथकंडे का इस्तेमाल वोट से पहले और बाद में भी चला। दो विधायकों के वोट को लेकर परिणाम में ऐसा पेंच फंसा की दिल्ली के चुनाव आयोग तक मामला पहुंचा। मगर अंतत: जीत कांग्रेस के हाथ लगी। कांग्रेस के दो बागी विधायकों राघव पटेल और भोला जी भाई गोहिल के वोट को आयोग ने रद्द घोषित किया। आयोग के फैसले से भी भाजपा रणनीतिकारों की कलई पूरी तरह खुलती नजर आई। भाजपा के लिए सुखद स्थिति यह है कि सूबे की तीन में से दो सीट उसके हाथ लगी है। पहली सीट पर अमित शाह पहली दफे राज्यसभा पहुंचने में कामयाब रहे हैं और तीसरी पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुनाव जीतकर राज्यसभा में दोबरा से पहुंचने में सफल रही हैं। तीसरी सीट के लिए पटेल का मुकाबला भाजपा के बलवंत राजपूत से था।