टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (17 अक्टूबर 2022): मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनावी मुकाबला होगा। इसके नतीजे के साथ ही कांग्रेस में 24 साल बाद नेहरू-गांधी परिवार के बाहर का कोई अध्यक्ष बनेगा। प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) के 9 हजार से अधिक प्रतिनिधि गुप्त मतदान के जरिये पार्टी के नए अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। यहां पार्टी मुख्यालय में और देशभर में 65 से अधिक केंद्रों पर मतदान होगा। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 2000 में चुनाव हुआ था, जब जितेंद्र प्रसाद को सोनिया गांधी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा यहां कांग्रेस मुख्यालय में मतदान कर सकती हैं, वहीं राहुल गांधी कर्नाटक में बेल्लारी के संगनाकल्लू में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर स्थल पर वोटिंग करेंगे। उनके साथ यात्रा में शामिल पीसीसी के करीब 40 प्रतिनिधि भी मतदान करेंगे।
गांधी परिवार के करीबी होने और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के कारण खड़गे को फिलहाल अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि शशि थरूर खुद को पार्टी में बदलाव के लिए मजबूत प्रत्याशी के रूप में पेश कर रहे हैं। थरूर ने चुनाव प्रचार के दौरान असमान अवसरों के मुद्दे उठाये, लेकिन खड़गे और पार्टी के साथ उन्होंने यह भी माना है कि गांधी परिवार के सदस्य तटस्थ हैं और कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ नहीं है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वह हमेशा से ऐसे पदों के लिए आम-सहमति बनाने के कांग्रेस के मॉडल पर भरोसा करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू के बाद के कालखंड में इस मॉडल पर सबसे ज्यादा भरोसा कामराज करते थे।
खड़गे के प्रचार में जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्ष और शीर्ष नेता राज्य मुख्यालयों में उनकी अगवानी करते देखे गये हैं, वहीं थरूर के स्वागत में अधिकतर प्रदेश कांग्रेस समितियों के युवा प्रतिनिधियों को ही देखा गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की इस दौरान गैर-मौजूदगी ही रही। थरूर अपने अभियान के दौरान इस बात को रेखांकित करते रहे हैं कि वह बदलाव के प्रत्याशी हैं, जबकि खड़गे परंपरावादी उम्मीदवार हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी में युवा और निचले स्तर के नेता उनका समर्थन कर रहे हैं, वहीं वरिष्ठ नेता उनके प्रतिद्वंद्वी खड़गे के साथ नजर आ रहे हैं।
खड़गे ने भी अपने अभियान में अपने अनुभव साझा किये हैं, जो पिछले कुछ दशकों में संगठन का काम करते हुए उनके सामने आये। दोनों ही नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि गांधी परिवार के सदस्यों का पार्टी में विशेष स्थान है। खड़गे ने कहा कि वह उनका मार्गदर्शन और सुझाव लेंगे, वहीं, थरूर ने कहा कि कांग्रेस का कोई अध्यक्ष गांधी परिवार से दूरी बनाकर काम नहीं कर सकता, क्योंकि पार्टी के खून में उनका डीएनए है।