उत्तर प्रदेश के 21 वी सदी के राम हुए विजयी, जानिए कैसी रही मुश्किलों भरी राह | राष्ट्रीय खेल

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (6 अक्टूबर 2022): अहमदाबाद में चल रहे राष्ट्रीय खेलों में मिर्ज़ापुर के दिहाड़ी मज़दूर रामबाबू ने ३५ km की रेस वॉक को २ घंटे ३६ मिनट में पूरा कर के राष्ट्रीय रेकर्ड को तोड़ा और पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है।

यह महज संयोग ही है की विजयदशमी के निकट हुई इस प्रतियोगिता में कलयुग के इस राम की विलक्षण प्रतिभा ने सभी को उनके हुनर का शनि बना दिया है।

फिजिकल एजुकेशन से ग्रैजुएट हुए रामबाबू ने इस प्रतियोगिता में हरियाणा के जुनैद खान के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया और 35 किमी पैदल चाल की रेस को महज 2 घंटे 40 मिनट और 16 सेकेंड में पूरा किया. पहले यह रिकॉर्ड 2 घंटे 40 मिनट और 51 सेकेंड का था।

बाबू ने खिताब जीतने के बाद कहा, ‘मैं इंटरनेशनल मंच पर भी ऐसे प्रदर्शन को दोहराने के लिए कड़ी मेहनत करता रहूंगा.’

उन्होंने इस साल अप्रैल में रांची में नेशनल वॉकिंग चैंपियनशिप में दो घंटे 41 मिनट 30 सेकंड का समय निकाला था, लेकिन जुनैद खान ने उन्हें हराकर दो घंटे 40 मिनट और 16 सेकंड के समय के साथ तत्कालीन राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

ज्ञात हो कि अर्श से फर्श तक का रामबाबू का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा। राम बाबू ने अपने पिता को अपने परिवार का पेट पालने के लिए और उनका सहारा बनने के लिए मजदूरी करते हुए देखा था।इस दुर्दशा से बचने के लिए ही बाबू ने खेल को करियर के रूप में चुना. हालांकि रोजमर्रा के जीवन यापन के लिए उन्होंने भी अलग अलग काम किए। एक समय ऐसा था की अपनी महत्वाकांक्षा को आगे बढ़ाने के लिए राम बाबू ने वाराणसी के एक होटल में वेटर के रूप में काम किया और अपने उच्च तीव्रता प्रशिक्षण को पूरा करते हुए कूरियर पैकेजिंग का काम भी किया.

23 वर्षीय राम बाबू एक शारीरिक शिक्षा स्नातक हैं उनके पास अप्रैल में रांची के नागरिकों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पैसे नहीं थे. उनके कोच ने उन्हें फ्लाइट टिकट प्रदान किया था. उन्होंने कहा, “वह पहली बार था जब मैं किसी फ्लाइट में किसी प्रतियोगिता में गया था; ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कोच को लगा कि मुझे तरोताजा होना चाहिए.”

रामबाबू के हुनर की तारीफ करते हुए बिमटेक के डायरेक्टर हरिवंश चतुर्वेदी ने बताया कि भारत के कोने कोने में छिपी प्रतिभाएं सिर्फ उचित मंच के इंतजार में रहती है।
“रामबाबू धूल में छिपा हीरा है!, ” डॉक्टर चतुर्वेदी बोले।

इसके साथ ही इस रिकॉर्ड ब्रेकिंग परफॉर्मेंस के बाद देश के कोने कोने से उनके लिए बधाइयों का दौर जारी है।