नई दिल्ली – 29 सितंबर, 2022 – हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) की 36वीं वार्षिक आम बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन नई दिल्ली में किया गया। ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा, कमल सोनी, उपाध्यक्ष-द्वितीय, रवि के. पासी, सीओए के सदस्य; ओ.पी. प्रह्लादका, के.एल.रमेश, डॉ.भरत दिनेश, राजेश जैन, सागर मेहता, सिमरनदीप सिंह कोहली, हेमंत जुनेजा, डी कुमार, राजकुमार मलिक, शरद बंसल, प्रदीप मुछल्ला, अशोक अरोड़ा, अरशद मीर, अवधेश अग्रवाल, ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार, और आर के वर्मा, कार्यकारी निदेशक-सह-सचिव-ईपीसीएच, रवि कुमार गोंड, रिटर्निंग ऑफिसर, चुनाव – सीओए, नजमुल इस्लाम मुरादाबाद के प्रमुख सदस्य निर्यातक समेत इस वार्षिक आम बैठक-एजीएम में दिल्ली, जोधपुर, मुरादाबाद, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर और अन्य शहरों से आए सदस्य निर्यातक भी शामिल रहे।
ईपीसीएच के अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की और देश से हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में 2021-22 के दौरान परिषद द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों और पहलों के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान, परिषद ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया, जिससे निर्यातक समुदाय को वैश्विक बाजार में बेहतर प्रदर्शन करने के अवसर मिल सके।
इस अवसर पर ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने सूचित किया कि 36 वीं एजीएम के एजेंडे में से प्रमुख रूप से एक एजेंडा उपलब्ध रिक्तियों के अनुसार प्रशासन समिति (सीओए) के सदस्यों का चुनाव करना था। इसके तहत सीओए के छह सदस्य चुने गए। राज कुमार मल्होत्रा उत्तरी क्षेत्र से निर्वाचित हुए; कमल सोनी, सलमान आजम और शरद कुमार बंसल मध्य क्षेत्र से चुने गए; गिरीश कुमार अग्रवाल और हंसराज बाहेती उत्तर पश्चिम क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं।
ईपीसीएच चुनाव नियमों के अनुसार, सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी की तुलना में 25 प्रतिशत से कम मत प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी की जमानत राशि जब्त कर ली जायेगी। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में से एक, मेसर्स पीएमसी एक्सपोर्ट्स, इंदौर के सुबेर रामपुरावाला को 25% से कम वोट मिले, इसलिए उनकी जमानत राशि जब्त कर ली गई है।
ईपीसीएच दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 33253.00 करोड़ (4459.76 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जिसमें बीते वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 29.49% और डॉलर के संदर्भ में 28.90% की वृद्धि दर्ज हुई है।