इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों ने किया भूख हड़ताल

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (14/09/2022): इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि के विरोध में छात्र भूख हड़ताल पर हैं। इसे लेकर दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कल यानी मंगलवार को ट्वीटर पर अपना वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया है, कि मोदी सरकार नहीं चाहती कि गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से मांग किया है कि 400 फीसदी फीस वृद्धि का अपना तुगली फरमान वापस ले।

उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में ये जो केंद्र में सरकार चल रही है। ये चाहते नहीं है कि पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, गरीबों, किसानों और मजदूरों के बच्चे पढ़ें। इसलिए एक साजिश के तहत देश के सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अंदर नई एजुकेशन पॉलिसी में फीस इतनी ज्यादा बढ़ा दी की ताकि गरीबों, किसानों और मजदूरों के बच्चे पढ़ ना पाए।

उन्होंने कहा कि हाल में पता चला कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के अंदर 400 गुना ज्यादा फीस बढ़ा दिया गया है और वहां पर छात्र पिछले 7 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं।कुछ छात्रों की स्थिति इतनी ज्यादा बिगड़ गया कि उन्हें हॉस्पिटलाइज्ड कराना पड़ा और कुछ छात्रों की स्थिति और बिगड़ रही है।

उन्होंने कहा कि लेकिन केंद्र की सरकार उन बच्चों की दुख को नहीं समझ रही है। उनसे बात भी नहीं कर रही है। इसका सिर्फ एक ही कारण है क्योंकि मोदी जी की सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी में तय किया है कि यूनिवर्सिटी को ए, बी और सी ग्रेड में कैटिगराइज्ड किया जाए। ए ग्रेड यूनिवर्सिटी के अंदर पढ़ाई का पूरा खर्चा बच्चे को खुद उठाना होगा, बी ग्रेड यूनिवर्सिटी में 75% पढ़ाई का खर्चा बच्चे को खुद उठाना पड़ेगा और सी ग्रेड यूनिवर्सिटी में 25% पढ़ाई का खर्चा बच्चे को खुद उठाना होगा।

उन्होंने कहा कि अगर गरीबों मजदूरों और किसानों के बच्चे पढ़ लेंगे तो उनके फैक्ट्रियों में सस्ते मजदूर कहां से आएंगे। यह बहुत बड़ा साजिश है क्योंकि यह नहीं चाहते कि हमारे बच्चे पढ़े। उधर 7 दिन से भूख हड़ताल पर हैं छात्र और कोई केंद्र सरकार का प्रतिनिधि या उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधि कोई उनसे बात नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा कि इलाहाबाद के छात्र जो भूख हड़ताल पर बैठे हैं मैं उनके साथ हूं। हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि बच्चों का पढ़ाई और इलाज का पूरा खर्चा सरकार उठाएं इस तरह की व्यवस्था की जाए। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो यह लड़ाई बड़ी मजबूती के साथ लड़ी जाएगी और यह न्याय की लड़ाई है।