टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (10/09/2022): दिल्ली के आजाद मार्केट इलाके में कल शुक्रवार को 4 मंजिला निर्माणधीन इमारत गिर गया । इस खबर को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी की एमसीडी और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर आरोप लगाते हुए सवाल किया है कि 100 गज के नक़्शे पास होते हैं तो 4 मंजिला इमारत बनाने की इजाज़त किसने दी? दिल्ली में एक लैंटर डालने के ₹5 लाख लिए जाते हैं। MCD अब LG के अधीन है तो ये पैसा किसकी जेब में जा रहा है?
आप विधायक ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सदरपुर के आजाद मार्केट में एक निर्माणाधीन इमारत अपने ही वजन से ढह गई। इससे कई सवाल दिल्ली नगर निगम और दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से बनता है। आप विधायक ने कहा कि अब उनके अधीन दिल्ली नगर निगम आता है। आप विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस निर्माणाधीन इमारत का नक्शा सरल में फर्जी और फ्रॉड करके पास कराया गया है क्योंकि सरल में 100 गज तक के इमारत के नक्शे पास होते हैं और जब ये इमारत उससे बड़ा था तो इसका नक्शा सरल से कैसे पास हुआ? आप विधायक ने कहा कि ये इमारत चार मंजिला बन रहा था और चार मंजिला इमारत बनाने के बाद इसका बेसमेंट खोदा जा रहा था। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या आपने कभी सुना है कि चार मंजिला इमारत बनाने के बाद उसका बेसमेंट खोदा जाए?
आप विधायक ने निशाना साधते हुए कहा कि आपको मालूम है कि पैसे लेने के लिए एमसीडी के लोग किसी निर्माणाधीन इमारत पर नहीं गए हो ये संभव नहीं है। आप विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि जाहिर तौर पर पैसे का लेनदेन हुआ है। मोटी रिश्वत दिया गया जिसके कारण एमसीडी के एमसीडी के भ्रष्ट अधिकारियों ने अपनी आंख बंद कर ली।
आप विधायक ने कहा कि आज तो दिल्ली के अंदर पार्षद भी नहीं है और बिल्डिंग डिपार्टमेंट पूरे दिल्ली में करोड़ों रुपए इकट्ठा कर रहा है। एक-एक लैंडर के हिसाब से पांच से सात लाख रुपए दिया जा रहा है। जो सस्ता इलाका है वहां पर एक लाख रुपए दिया जा रहा है। अब सवाल ये उठता है कि अब तो पार्षद भी नहीं है तो ये पैसा किसके जेब में जा रहा है।
आप विधायक ने सवाल करते हुए कहा कि आज तो सीधा-सीधा ये उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के अधीन है अगर पैसा नहीं लिया जा रहा है तो ऐसी गैरकानूनी बिल्डिंग पूरी दिल्ली में कैसे बन रहा है? आप विधायक ने जवाब देते हुए कहा कि जाहिर तौर पर पैसा लिया जा रहा है। आज ये सवाल उठता है कि ये पैसा कहां जा रहा है।