गुजरात के सरपंचों के लिए अरविंद केजरीवाल ने किया दो बड़ी गारंटी का एलान, पूरी रिपोर्ट

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (03/09/2022): आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज शनिवार को गुजरात में ग्राम सरपंचों के साथ सीधा संवाद किया। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के सरपंचों के लिए दो गारंटी देने का ऐलान किया है। पहली गारंटी में हर सरपंच को हर महीने ₹10,000 सैलरी देने का ऐलान किया है और दूसरी गारंटी में हर पंचायत को विकास कार्यों के लिए 10 लाख रुपए का फंड देने का ऐलान किया है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज यहां सरपंच और VC दोनों आए हैं। क्या BJP ने कभी आपकी मीटिंग बुलाई? समस्याएं सुनीं? वो आपको डराते हैं। हम आपका सम्मान करते हैं। मुझे आपका साथ चाहिए। 15 दिसंबर तक सरकार बन जाएगी। 28 फरवरी तक आप अपनी समस्याओं का समाधान ले लेना मुझसे। गुजरात में कुछ चमत्कार हो रहा है। 2 महीने पहले ऐसा माहौल नहीं था। अब ऐसा लग रहा है जैसे ऊपर वाला अपना झाड़ू चला रहा है।

अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि इन लोगों ने हर चीज पर जीएसटी लगा दिया। रोटी पर लगा दिया, चावल पर लगा दिया, दूध पर लगा दिया, छाज पर लगा दिया और शहद पर लगा दिया। ‘हवा’ बाकी है बस उस पर भी लगा देंगे।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी ने आपको कुछ नहीं दिया। उन्हें टाटा बाय-बाय करिये। सभी सरपंच और VCEs, बीजेपी के पन्ना प्रमुख को समझाएं कि उन्हें बीजेपी ने कुछ नहीं दिया। इस बार बीजेपी से पैसे लेकर आम आदमी पार्टी के लिए काम करना है। बीजेपी-कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी के साथ आ जाओ।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि VCEs की एक ही मांग है कि कमिशन बाज़ी बंद करके ₹20000 पगार हो। हमें मंज़ूर है, 28 फरवरी तक कर देंगे। बीजेपी वाले सरपंचों से पूछना चाहता हूं कि बीजेपी ने 27 साल में कुछ दिया? स्कूल-अस्पताल बनाए? बिजली पानी दिया? कुछ नहीं दिया।

अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि हम तो ‘फ़्री की रेवड़ी’ बाटेंगे, जो करना है कर लो! तुम अपने मंत्रियों को फ्री की रेवड़ी दो, हम जनता को फ्री की रेवड़ी देंगे।

महाराष्ट्र, एमपी, कर्नाटक, गोवा, मणिपुर और असम में बीजेपी ने विधायक ख़रीदे। दिल्ली भी आए ₹20-20 करोड़ लेकर, एक विधायक नहीं टूटा। आपके दूध, दही पर टैक्स बढ़ा कर विधायक ख़रीदते हैं। इसलिए ये फ्री शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली-पानी के ख़िलाफ़ हैं।