नई दिल्ली: ‘ब्लू व्हेल’ चैलेंज गेम ने लोगों के दिल में दहशत पैदा कर दी है. यह गेम बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसा रहा है. इसे खेलने वाले बच्चे जीत के लिए मौत को गले लगा रहे हैं. ब्लू व्हेल गेम ने मुंबई में एक 14 साल के बच्चे की जान ले ली है. अंधेरी ईस्ट में रहने वाले एक बच्चे ने शनिवार को सातवीं मंजिल से छलांग लगा ली, इस बच्चे को ऑनलाइन सूइसाइड गेम का शिकार बताया जा रहा है. इस खूनी गेम की वजह से दुनिया में करीब 250 बच्चों की जान जा चुकी है जिसमें 130 बच्चे सिर्फ रूस के हैं.
बता दें कि मुंबई में 14 साल का मनप्रीत काफी समय से ब्लू व्हेल नाम का एक ऑनलाइन गेम खेल रहा था. मनप्रीत गेम के आखिरी पड़ाव में था और गेम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसका मरना जरूरी था. इसलिए घर की छत से छलांग लगाकर जान दे दी . अपने घर की छत से कूदने से पहले मनप्रीत ने अपने मोबाइल से आखिरी फोटो खींचकर एक मैसेज भेजा जिसमें लिखा था- जल्द ही तुम्हारे पास मेरी ये आखिरी तस्वीर रह जाएगी.
ऐसे बच्चों को बनाता है शिकार
ये गेम ऐसे बच्चों को शिकार बनाता है, जिनके ज्यादा दोस्त नहीं होते और जो बच्चे अपने माता-पिता से भी कम बात करते हैं. ऐसे बच्चों की प्रोफाइल की पहले जासूसी की जाती है और फिर उसे इस गेम का हिस्सा बनाया जाता है.
कैसे खेला जाता है ब्लू व्हेल गेम?
-ब्लू व्हेल चैलेंज रूस में बना एक इंटरनेट गेम है. ये एक ऐसा चैलेंज है, जिसमें आपको ग्रुप के एडमिन के द्वारा दिए गए कई टास्क को पूरा करना होता है 50 दिनों के अंदर.
-हर टास्क पूरा होने पर प्लेयर को अपने हाथ पर एक कट लगाने के लिए कहा जाता है. आखिरी में जो इमेज उभरती है, वो व्हेल मछली की तरह होती है.
गेम खेलने वाले को हर दिन एक कोड नंबर दिया जाता है. इसमें हाथ पर ब्लेड से F57 लिखकर इसकी फोटो अपलोड करने के लिए कहा जाता है.
-इस गेम का एडमिन स्काइप के जरिए गेम खेलने वाले से बात करता रहता है.
-गेम का विनर उसे ही घोषित किया जाता है, जो अंतिम दिन जान दे देता है.
गेम छोड़ने पर मिलती है धमकी
अगर किसी ने एक बार गेम खेलना शुरू कर दिया, तो वो इसे बीच में नहीं छोड़ सकता. एक बार गेम शुरू हो जाने पर गेम खेलने वाले का फोन एडमिन हैक कर लेता है और फोन की सारी डिटेल उसके कब्जे में आ जाती है. अगर कोई बीच में गेम छोड़ना चाहे, तो एडमिन की तरफ से धमकी मिलती रहती है कि उसे या फिर उसके माता-पिता को जान से मार दिया जाएगा.