नई दिल्ली, 27 अगस्त, 2022
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई की 14 घंटे की रेड में खाली हाथ रहने से बौखलाई भाजपा ने 18 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद करने के लिए शिक्षा विभाग में मनगढ़ंत आरोप लगाकर जांच शुरू कराई है। भाजपा सरकारी स्कूलों में घोटाले की बात उनमें चल रहे विकास कार्यों को रुकवाने के लिए कर रही है। भाजपा कह रही है कि सीएम केजरीवाल ने सरकारी स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए शानदार डेस्क क्यों दिए? क्यों स्मार्ट बोर्ड ख़रीदे? क्यों अच्छे टॉयलेट बनवाए? भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी सहन नहीं कर सकते कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के नतीजे निजी स्कूलों से बेहतर आएं। गरीब और मिडिल क्लास के बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा मिले। मोदी सरकार के शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक देश में जब से नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तब से 2021 तक 72 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में 25 हजार, मध्यप्रदेश में 22 हजार, असम में 6 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हुए हैं। उत्तर प्रदेश में 2015 से 2 लाख, मध्यप्रदेश में 14.50 लाख, असम में 4 लाख, उत्तराखंड में 2 लाख से अधिक बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़कर निजी स्कूलों में दाखिला ले लिया है।मैं भाजपा को चुनौती देती हूं कि उनकी हरियाणा और यूपी की सरकारें 10 सरकारी स्कूल दिखा दे जो केजरीवाल सरकार के स्कूलों को टक्कर दे सकें। उन्होंने कहा कि सीबीआई एक सप्ताह बाद भी नहीं बता पाई है कि मनीष सिसोदिया जी के घर जो 14 घंटे की रेड की, उसमें क्या मिला? भाजपा ये भी नहीं बता पा रही कि कितने का घोटाला हुआ? उनके नेता कहते हैं कि 8 हजार करोड़, 1100 करोड़, 144 करोड़, 30 करोड़ का घोटाला हुआ है। जबकि सीबीआई की एफआईआर कहती है कि शायद 1 करोड़ का लेनदेन हुआ है। इसके सबूत नहीं हैं।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने आज पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी के घर पर सीबीआई की 14 घंटे की रेड को आज पूरा एक सप्ताह बीत गया है। अभी भी सीबीआई यह बताने को तैयार नहीं है कि 14 घंटे की रेड में कितने पैसे, सोने के बिस्किट, हीरे जवाहरात, बेनामी संपत्ति के कागज मिले। भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रवक्ता दिन में कई प्रेस वार्ताएं करते हैं। लेकिन उन्होंने अभी तक यह नहीं बताया कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के घर से क्या मिला? भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता एक और चीज जो नहीं बता पा रहे हैं कि दिल्ली में तथाकथित घोटाला कितने का हुआ है? भारतीय जनता पार्टी के अलग-अलग नेता अलग-अलग आंकड़े देते हैं। भाजपा का कोई नेता कहता है कि डेढ़ लाख करोड़ का घोटाला हुआ है। जबकि डेढ़ लाख करोड़ तो दिल्ली का बजट भी नहीं है। कुछ उनके नेता कहते हैं 8 हजार करोड़, 1100 करोड़, 144 करोड़, 30 करोड़ का घोटाला हुआ है। जबकि सीबीआई की एफआईआर कहती है शायद एक करोड़ का हुआ है, लेकिन अभी ठीक से पता नहीं है। यह हमारे सूत्र बता रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की एजेंसी सीबीआई मनीष सिसोदिया जी के घर पर 14 घंटे रेड होने के बाद भी बता नहीं पाई है कि रेड में क्या मिला। ये तथाकथित घोटाला कितने का है?
उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को करोड़ों रुपए के ऑफर दिए जाते हैं। उनसे कहा जाता है कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल जी का साथ छोड़कर सरकार गिरा दो। यह प्रयास अभी अलग-अलग राज्यों में भी चल रहा है। आखिरकार सीबीआई की रेड, घोटाले का आरोप, विधायकों को तोड़ने की कवायद क्यों हो रही है? यह इसलिए हो रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सहन नहीं हो रहा है कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा किए जा रहे कामों की तारीफ देश और पूरी दुनिया में हो रही है। भारतीय जनता पार्टी सोच रही है कि सीबीआई-ईडी और विधायक तोड़कर, किसी भी तरह अरविंद केजरीवाल की सरकार का काम रोका जाए। अभी उसी श्रंखला में नया आरोप लग गया है।
विधायक आतिशी ने कहा कि मैं भारतीय जनता पार्टी को कहना चाहती हूं कि आप जितनी भी कोशिश कर लें, आप अरविंद केजरीवाल की सरकार का काम नहीं रोक पाएंगे। हमें पता है कि भारतीय जनता पार्टी अब सरकारी स्कूलों में घोटाले की बात क्यों कर रही है? वह इसलिए कर रही है कि किसी ना किसी तरीके से जो सरकारी स्कूलों में काम हो रहा है, उन कामों को रोका जाए? क्योंकि आखिरकार वह यह कैसे सहन कर सकते हैं कि कोई ऐसी सरकार है जो अपने बजट का 25 फीसदी सरकारी स्कूलों को देती है। वह यह कैसे सहन कर सकते हैं कि अरविंद केजरीवाल सरकार ने 700 नए स्कूलों की इमारत खड़ी कर दी। वह कैसे सहन कर सकते हैं कि पिछले 4 साल से दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 12वीं के नतीजे निजी स्कूलों से भी बेहतर आ रहे हैं। वह कैसे सहन कर सकते हैं कि दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गरीबों के बच्चे आईआईटी-जेईई नीट की परीक्षा पास कर देश के बड़े इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। वह कैसे सहन कर सकते हैं कि लाखों बच्चे निजी स्कूलों को छोड़कर दिल्ली के सरकारी स्कूल में दाखिला ले रहे हैं। वह कैसे सहन कर सकते हैं कि जब दिल्ली सरकार अपने स्कूल ऑफ स्पेशलाइज एक्सीलेंस के लिए 4800 सीटों के लिए आवेदन मांगती है तो 80 हजार बच्चे आवेदन करते हैं। इसलिए भारतीय जनता पार्टी सोच रही है कि किसी भी तरीके से इनका प्लान रोका जाए, वरना हम जो काम कर रहे हैं उसके ऊपर सवाल उठने लग जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों का डाटा भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय से लिया है। डाटा के मुताबिक जब से देश में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तब से 2021 तक 72 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हो गए है। इनमें से भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में 25 हजार, मध्यप्रदेश में 22 हजार, असम में 6 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद हुए हैं। स्कूल ही केवल बंद नहीं हो रहे हैं बल्कि भाजपा शासित राज्यों में सरकारी स्कूल छोड़कर छात्र निजी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के डाटा के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 2015 से दो लाख, मध्यप्रदेश में 14.50 लाख, असम में 4 लाख, उत्तराखंड में 2 लाख से अधिक बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़कर निजी स्कूलों में दाखिला ले लिया है।
विधायक आतिशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का सरकारी स्कूलों का काम एक्सपोज हो रहा है। जब अरविंद केजरीवाल से तुलना हो रही है तो भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि आम आदमी पार्टी ने गरीबों के बच्चों के लिए इतने अच्छे कमरे क्यों बना रही है, उन्हें टीन-टप्पड़ वाले कमरे बनाते और टूटे-फूटे बेंच देते। क्यों गरीबों के बच्चों के लिए फाइव स्टार कमरे मिल रहे हैं। गरीबों के बच्चों के लिए इतने अच्छे डेस्क देने की क्या जरूरत थी, उन्हें टाट पट्टी पर ही पढ़ने देते। सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए इतने अच्छे स्मार्ट बोर्ड खरीदे, उन्हें टूटे फूटे ब्लैक बोर्ड पर ही पढ़ने देते। टीचर जब लिखती थी तो बच्चों को कुछ नहीं दिखता था। आज भारतीय जनता पार्टी पूछ रही है कि सरकारी स्कूल में टॉयलेट क्यों बनाएं। सरकारी स्कूलों में 2015 से पहले लड़कियां वॉशरूम का इस्तेमाल नहीं सकती थी। वह दोपहर का इंतजार करती थीं कि जब घर पहुंचेंगे तब टॉयलेट जाएंगे। आज भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि लड़कियों के लिए टॉयलेट नहीं होने पर क्या फर्क पड़ता है? क्यों दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूल में इतने टॉयलेट बनाएं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली से सटे हुए दो राज्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा हैं, जहां पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। भारतीय जनता पार्टी की दोनों सरकारों को खुली चुनौती देती हूं कि आप सिर्फ दस ऐसे स्कूल अपने राज्यों में दिखा दो जो दिल्ली के सरकारी स्कूलों को टक्कर दे सकें। दिल्ली में कोई भी दस सरकारी स्कूलों चुन लीजिए, हम आपको वहां लेकर जाएंगे। इसके बाद आप अपनी मर्जी से अपने दोनों राज्यों में 10 स्कूल चुन लीजिए, उन्हें हम देखने के लिए आएंगे। तब आपको साफ पता चल जाएगा कि पिछले 7 साल से अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों के लिए क्या किया है?
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को कहना चाहती हूं कि आज पूरा देश देख रहा है कि जब गरीबों-मिडिल क्लास के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है। बिना एक पैसा खर्च की अच्छी शिक्षा मिल रही है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की पूरी कवायद है कि किसी तरह से गरीबों- मिडिल क्लास के बच्चों के लिए सरकारी स्कूल बंद हो जाएं। किसी तरह से उन्हें मिलने वाली अच्छी शिक्षा खत्म हो जाए। यह पूरा देश देख रहा है। जब जब भी जिस राज्य में चुनाव लड़ने जाएंगे इसके नतीजे खुद भाजपा को दिखेंगे।