टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (24/08/2022): दिल्ली में शराब नीति के अंतर्गत हुए कथित घोटाले के आरोप में आम आदमी पार्टी लगातार सवालों के घेरे में है। कांग्रेस और बीजेपी का आरोप है कि शराब के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार ध्यान हटाना चाहती है। इनसे जब सवाल शराब पर होता है तो जवाब न्यू यॉर्क टाइम्स और शिक्षा पर देते हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त केजरीवाल की सरकार है और सिसोदिया को सीधे तौर पर अरविंद केजरीवाल बचा रहे हैं।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार बताए कि जब उनकी भ्रष्टाचार सामने आ चुकी है तब भी वह सिसोदिया को मंत्री पद से बर्खास्त क्यों नहीं कर रहे हैं। अनिल चौधरी ने कहा कि दिल्ली सरकार जब यह शराब नीति लाई तब कह रही थी कि यह बहुत अच्छी नीति है मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब सीबीआई जांच का आदेश हुआ इस नीति को वापस क्यों लिया गया।
उस दिन पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया बेहतर शिक्षा के लिए पूरे देश में उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए। इसपर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि भ्रष्टाचार में अगर कोई नीति बने,जिसकी संभावना कम है तो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भारत रत्न मिलना चाहिए। मैं इसकी खुद अनुशंसा करूंगा।
अनील चौधरी ने कहा कि जब कोरोना काल के दौरान दिल्ली के लोग ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पतालों में बेड के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब केजरीवाल शराब माफियाओं के साथ शराब-नीति पर काम कर रहे थे। भाजपा के उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बीच ऐसी क्या डील हुई थी कि इस शराबनीति को पास कर दिया गया।
अनिल चौधरी ने कहा कि शीला दीक्षित जी की आबकारी नीति पर प्रश्न उठाने वाले मुख्यमंत्री, लौटकर फिर शिला दीक्षित जी की आबकारी नीति को ही सही मानते हैं। क्या शिला दीक्षित जी की नीतियों पर सवाल उठाने वाले आज उनसे माफी मांगेंगे। CBI की प्रथम FIR में मनीष सिसोदिया को नंबर-1 भ्रष्टाचारी माना गया है। ये AAP की ‘कट्टर’ ईमानदारी का सर्टिफिकेट है।
अनील चौधरी ने कहा कि आबकारी नीति की जो शिकायत है, इसकी लड़ाई सबसे पहले कांग्रेस ने ही शुरू की है। हमारे पास इसका पुख्ता सबूत है। हम पहले आग्रह के मूड में इस सरकार को जगाना चाहते थे, लेकिन जब यह नहीं जागे तो हमें पुलिस कमिश्नर के पास लिखित में शिकायत करनी पड़ी। जब आप हर तरफ से घिरने लगते हैं तो अपनी जाति और महापुरुषों के पीछे छिपने के काम करते हैं। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को शर्म आनी चाहिए।
शराब नीति पर अनिल चौधरी ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि इस विषय पर जहां कांग्रेस संघर्ष कर रही थी तो वहीं भाजपा के ‘शूरवीर’ मौन रहे। जब दिल्ली को नशे की राजधानी जैसी पहचान दी जा रही थी तो वे भाजपा के भ्रष्टाचार में भागीदार बन चुप बैठे थे। दिल्ली के मेयर और भाजपा के लगभग 150 से ज्यादा पार्षदों द्वारा पैसे लेकर नॉन-कन्फर्मिंग एरिया में शराब लाइसेंस दिलवाने का काम किया जा रहा था।