रोहिंग्याओं को फ्लैट देने के मामले को लेकर मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री को लिखा चिट्ठी, कहा- निष्पक्ष जांच की जाए

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (18/08/2022): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों को फ्लैट देने की खबर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। वहीं दिल्ली के गृहमंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमें अखबारों से पता चला कि रोहिंग्या को फ्लैट देने की बात चल रही है। मुझे भी आश्चर्य हुआ? बाद में पता चला कि केंद्रीय अधिकारियों की बैठक हुई थी जिसमें निर्णय लिए गए थे और मुख्य सचिव के जरिए इन निर्णयों को अमल में लाने के लिए उपराज्यपाल के पास फाइल भेजा गया।

उन्होंने कहा कि “दिल्ली में रोहिंग्याओं को फ्लैट देने की योजना बन गई और न तो दिल्ली के मुख्यमंत्री को पता है ना दिल्ली के गृहमंत्री को पता है। हमें अखबारों के जरिए पता चला कि रोहिंग्याओं को फ्लैट देने की योजना चल रही है। मैंने अधिकारियों से पूछा और पता चला कि कुछ बैठकें हुई थीं जहाँ केंद्र सरकार के अधिकारी मौजूद थे।”

उन्होंने कहा कि “जब मैंने बैठक का विवरण मांगा, तो मैंने देखा कि फाइलों में यह उल्लेख किया गया था कि केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन के लिए इसे सीएस के माध्यम से सीधे एलजी को भेजा जा रहा था। दिल्ली की चुनी हुई सरकार से और दिल्ली के गृहमंत्री से पूरी तरह छिपा के ये साजिश क्यों की जा रही है?”

 

उन्होंने कहा कि “जब मैंने इस पर बयान दिया उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री ने अलग स्टैंड लेते हुए बयान जारी किया कि नहीं साहब मेरा स्टैंड तो ये है। उन्होंने कहा कि अब सवाल उठता है कि केंद्र सरकार का स्टैंड ये है और दिल्ली सरकार बार-बार अपना रुख साफ कर चुकी है कि किसी भी प्रकार के रोहिंग्याओं के अवैध प्रवास को दिल्ली और देश की सुरक्षा के लिए खतरा मानती है तो वैसे में उनको फ्लैट देने की योजना का तो सवाल ही नहीं उठता। केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय कह रहा है कि हम नहीं कर रहे तो फिर ये कौन कर रहा था? अगर केंद्र इसके खिलाफ है तो यह कौन कर रहा था? केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने भी इस कदम की सराहना करते हुए ट्वीट किया था।”

उन्होंने कहा कि “इसलिए मैंने केंद्रीय गृहमंत्री को चिट्ठी लिखा हूं और अपील किया हूं कि आप केंद्र सरकार का स्पष्ट रुख देश और दिल्ली के सामने रखें। दूसरा यह जो साजिश हो रहा है इसके पीछे जो भी है इसके लिए निष्पक्ष और तुरंत जांच होनी चाहिए। जो भी लोग दोषी हैं उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”