76th Independence day: पीएम मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देश को किया संबोधित, जानें पीएम के संबोधन की 10 महत्वपूर्ण बातें

 

टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (15/08/2022)

देशभर में आज 76 वां स्वतंत्रता दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में स्वतंत्रता सेनानियों, वैक्सीन, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भाषा, समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों का जिक्र किया।

1) उन्होंने कहा कि देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी।

2) उन्होंने कहा हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था। आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया।

3) उन्होंने कहा कि आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो पिछले 75 साल में देश के लिए जीने-मरने वाले, देश की सुरक्षा करने वाले, देश के संकल्पों को पूरा करने वाले चाहे सेना के जवान हों,पुलिसकर्मी हों, जन प्रतिनिधि हों, स्थानीय स्वराज की संस्थाओं के प्रशासक रहे हों।

4) उन्होंने कहा कि आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है।समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। विश्व का ये बदलाव, विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है।

5) उन्होंने कहा कि कोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी। उस समय हमारे देश लोगों ने 200 करोड़ डोज लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया।

6) उन्होंने कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा। पहला पंच प्रण हैं कि अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा और वो बड़ा संकल्प है ‘विकसित भारत’। दूसरा पंच प्रण हैं कि किसी भी कोने में, मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश है, हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी। तीसरा पंच प्रण हैं कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। चौथा पंच प्रण हैं कि एकता और एकजुटता और पांचवां पंच प्रण हैं कि नागरिकों का कर्तव्य।

7) उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है। भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है। हमनें जो कौशल पर बल दिया है, ये एक ऐसा सामर्थ्य है, जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा।

8) उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारे टैलेंट भाषा के बंधनों में बंध जाते हैं। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।

9) उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन, डीप ओशन मिशन ( Deep Ocen Mission) का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान हैं।

10) उन्होंने कहा कि देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहली चुनौती भ्रष्टाचार है और दूसरी चुनौती भाई-भतीजावाद, परिवारवाद है। एक तरफ वो लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है और दूसरी तरफ वो लोग हैं जिनके पास चोरी किया माल रखने की जगह नहीं है। ये स्थिति अच्छी नहीं है।।