दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने भ्रष्टाचार का ठीकरा LG पर फोड़ा : कांग्रेस

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (07/08/2022): दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व विधायक हरी शंकर गुप्ता ने कहा कि जून 2021 में पास की गई आबकारी नीति पर फंसती आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जहां अब मुंह छिपाते दिख रहे हैं, वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब नीति पर असैद्धांतिक प्रेस वार्ता करके बेबुनियाद स्पष्टीकरण दे रहे है। क्योंकि यह प्रेस वार्ता मुख्यमंत्री को करनी चाहिए थी। सिसोदिया द्वारा तत्कालीन उपराज्यपाल पर आरोप लगाना साबित करता है कि नई शराब नीति लागू करने में भ्रष्टाचार किया गया है। संवाददाता सम्मेलन में कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन अनुज आत्रेय भी मौजूद थे।

मनीष सिसोदिया की शराब माफिया से सांठगांठ से हुआ भ्रष्टाचार पूरी तरह उजागर हो चुका है। और वह दिन दूर नही जब मनीष सिसोदिया सीबीआई जांच में दोषी पाए जाने के बाद जेल में होंगे। केजरीवाल द्वारा मनीष सिसोदिया से दूरी स्पष्ट करती है, कि सिसोदिया शराब घोटाले के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। हरी शंकर गुप्ता ने कहा कि नई आबकारी नीति को लागू करने के लिए मनीष सिसोदिया द्वारा तत्कालीन उपराज्यपाल पर दोष मढ़ना, अपने आप को शराब नीति में हुए भारी भ्रष्टाचार से अलग करने की मात्र कोशिश है। जबकि यह साफ हो चुका है कि इन्होंने शराब माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए हजारों करोड़ रुपये की छूट दी है। जबकि नॉन-कन्फर्मिंग क्षेत्रों में शराब की दुकाने खुलवाकर रिहायशी क्षेत्रों के सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने का काम किया है।

 

सिसोदिया का यह बयान कि शराब की दुकानों को वार्ड वाईज़ बराबर वितरण नीति के तहत हमने शराब की दुकानों को नॉन-कन्फर्मिंग क्षेत्रों में भी खोला, पूरी तरह आबकारी नीति के नियमों का विरोध था, जिसको सिसोदिया उपराज्यपाल पर आरोप लगाकर सही साबित करने की कोशिश कर रहे है। जब नई आबकारी नीति का प्रारुप दिल्ली सरकार का था, नियमन और लागू करना भी दिल्ली सरकार का था, उसके बावजूद तत्कालीन उपराज्यपाल पर अपनी कमियों और भ्रष्टाचार साबित होने पर दोष मढ़ना एक साजिश के तहत कार्य हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि शराब नीति के प्रारुप में उपराज्यपाल ने बदलाव किए थे, तब लागू करने से पहले आपने इसका विरोध क्यों नही किया? उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया द्वारा तत्कालीन उपराज्यपाल के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करना सिर्फ दिल्ली को गुमराह करना है। दिल्ली वालो का ध्यान महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक संकट आदि से हटाया जा सके।