‘हिंदुस्तान का कोई भी संस्थान स्वतंत्र नहीं है, सब RSS के नियंत्रण में है’ : राहुल गांधी

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (05/08/2022): राहुल गांधी ने कहा की विपक्ष कानूनी ढांचा, न्यायिक संरचना, चुनावी संरचना के बल पर लड़ती है। यह सभी ढांचे सरकार का समर्थन कर रहे हैं। क्योंकि सरकार ने अपने लोग इन संस्थानों में बैठा रखे हैं। हिंदुस्तान का कोई भी संस्थान स्वतंत्र नहीं है, वह RSS के नियंत्रण में है। हम महंगाई, बेरोज़गारी और समाज को जो बांटा जा रहा है उसका मुद्दा संसद में उठाना चाहते हैं लेकिन हमें बोलने नहीं दिया जाता।

राहुल गांधी ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इस देश ने 70 साल में बनाया उसको 8 साल में खत्म कर दिया गया। आज हिंदुस्तान में लोकतंत्र नहीं है, बल्कि 4 लोगों की तानाशाही है। मैं जितना लोगों की आवाज़ उठाता हूं, जितना सच बोलता हूं उतना ज़्यादा मुझ पर हमला किया जाता है। मैं लोकतंत्र के लिए खड़े होने का अपना काम करता रहुंगा यह बात समझ लीजिए कि जो धमकाता है वह डरता है।

देश की मीडिया, इलेक्ट्रोल सिस्टम इनके दम पर विपक्ष खड़ा होता है। लेकिन देश में हर इंस्टीट्यूट में आरएसएस का आदमी बैठा है। वह सरकार के कंट्रोल में है। हिटलर भी चुनाव जीतकर आया था। हिटलर कैसे चुनाव जीतता था? उसके पास सारी संस्थान उसके हाथ में थी। उसके पास पूरा ढ़ांचा था। मुझे पूरा ढांचा दे दो फिर मैं दिखाऊंगा चुनाव कैसे जीता जाता है।

बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, मगर हिंदुस्तान की सरकार कह रही है कि ये सच्चाई नहीं है। ऐसे ही महंगाई बढ़ती जा रही है, लेकिन हिंदुस्तान की वित्तमंत्री कह रही हैं कि महंगाई नहीं है। पूरा कम्युनिकेशन स्ट्रक्चर उनके हाथ में है।

यूएन कह रहा है कि 5 मिलियन लोग मर गए हैं, लेकिन सरकार कह रही है कि वो झूठ बोल रहे हैं। गुजरात में लाशों के ढेर लग गए थे, ऐसे ही गंगा में भी आपने देखा, लाखों लोग मरे थे। मगर हिंदुस्तान की सरकार कह रही थी कि ये सच्चाई नहीं है। लोकतंत्र में विपक्ष संस्थानों के बल पर लड़ता है। मतलब देश का लीगल स्ट्रक्चर होता है, इलेक्टोरल स्ट्रक्चर होता है, जो देश की मीडिया होती है।
उसके बल पर विपक्ष खड़ा होता है, लेकिन इन सभी संस्थानों में सरकार ने अपने लोग बिठा रखे हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की किसी ने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश में ऐसा वक्त भी आएगा कि तिरंगों के लिए लोगों को समाप्त होते देखा जाएगा। कोई कल्पना नहीं कर सकता जिस रूप में संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। महंगाई, बेरोज़गारी, GST पर कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।।