नागपुर से पैदल चलकर दिल्ली पहुंचा छात्र, सरकार से लगाई गुहार

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली, (02/08/22): देश के युवा सड़कों पर रोजगार की मांग कर रहे हैं। सड़क से संसद तक गुहार लगा रहे हैं कि, हमें नौकरी चाहिए। सरकार अग्निपथ योजना लाकर भले ही बड़े-बड़े दावे कर रही है। लेकिन हकीकत यही है कि आज भी कई ऐसे युवा देश में है जो नौकरी के लिए परीक्षा दे चुके हैं, लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिली है। आज इस लेख में युवाओं का दर्द आपको सुनने को मिलेगा जो नौकरी की आस लिए हजारों किलोमीटर की पैदल यात्रा करके सत्ता के केंद्र कहे जाने वाले दिल्ली पहुंचे हैं।

सोशल मीडिया के माध्यम से कई तस्वीरें सामने आ रही थी जिसमें देश के युवा पैदल यात्रा कर रहे थे और अभी भी कुछ कर रहे हैं। उस पैदल यात्रा के बारे में जानने के लिए आज टेन न्यूज ने उन छात्रों से बातचीत करने की कोशिश की और जाना की क्या पूरा मामला है। जो तस्वीरें आपको सोशल मीडिया पर दो महीने से तैरती हुई दिखाई दे रही थी सफेद रंग की टीशर्ट और हाथों में तिरंगा लिए छात्र कुछ नागपुर से दिल्ली पहुंचे हैं।

भीषण गर्मी बारिश का मौसम और चिलचिलाती धूप में लगभग 1000 किलोमीटर पैदल यात्रा करने पर यह छात्र क्यों मजबूर हैं, क्या इनकी मांगे और किन से यह मांग कर रहे हैं। इन तमाम बिंदुओं पर छात्रों ने खुलकर बात रखी। छात्रों ने साफ तौर पर कहा की हम अपनी नौकरी की मांगों को लेकर नागपुर से दिल्ली के लिए पैदल निकले थे, जिसमे कुछ छात्र दिल्ली आ चुके हैं और कुछ अभी रास्ते में हैं।

आपको बतादें की ये युवा जो नागपुर से दिल्ली पहुंचे हैं वो एसएससी जीडी 2018 परीक्षा में पास होने वाले कैंडिडेट्स हैं, और केंद्र सरकार से नौकरी की गुहार लगा रहे हैं। छात्रों ने कहा की हम सारे छात्र परीक्षा के चयन प्रक्रिया को पास कर लिए है। सबकुछ क्लियर होने के बाद भी उन्हें जॉब नहीं मिली है। आपको बतादें की 2018 की इस परीक्षा के चयन प्रोसेस को पूरा हुए लंबा वक्त हो गया लेकिन अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है लगभग 4 साल से सरकार से यह गुहार लगा रहे हैं कई बार उन्होंने अनशन भी किया है दिल्ली के जंतर मंतर पर काफी दिनों तक धरने पर बैठे इसके बावजूद भी अभी तक उनकी मांगें लंबित है।

 

छात्रों ने बताया की अपनी मांगों को लेकर पैदल मार्च में शामिल हुए कई लोगों की तबियत खराब हुई लेकिन हमलोग को प्रशासन के तरफ से कोई मदद नहीं मिला। छात्रों ने बताया की दिल्ली जब सारे छात्र पहुंच जायेंगे तब जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। पैदल मार्च करके उड़ीसा से दिल्ली पहुंची रश्मि ने बताया कि इस पैदल मार्च में लड़कियों को खासतौर पर विभिन्न तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ा। पीएम मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं, लेकिन आज उन्हीं के राज में बेटियां अपने हक के लिए लड़ रही है लेकिन सरकार सुनने को तैयार नहीं है।

आपको बतादें की कर्मचारी चयन आयोग ने जनरल ड्यूटी भर्ती का नोटिफिकेशन 2018 में जारी किया था। SSC GD 2018 परीक्षा के माध्यम से सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एनआईए और असम राइफल्स आदि में भर्ती की जानी थी। इस भर्ती में 60 हजार 210 पदों पर उम्मीदवारों का चयन करना था। इस परीक्षा के सेलेक्शन प्रोसेस में लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट और मेडिकल टेस्ट आदि शामिल था. परीक्षा 2019 में हुई, रिजल्ट आया और सितंबर 2018 में फिजिकल टेस्ट हुआ और 2020 की शुरुआत में मेडिकल भी हो गया। इसके बाद कुछ लोगों को जॉइनिंग भी मिली, लेकिन काफी लोगों को जॉइनिंग नहीं मिली।

आपको बता दें कि जिन छात्रों को जॉइनिंग लेटर प्राप्त नहीं हुआ है वैसे ही एक छात्र हैं जो लगातार धरना और प्रदर्शन का रुख अपना रहे हैं। सर्दी के मौसम में दिल्ली के जंतर-मंतर पर कड़ाके की ठंड में भी 10 छात्रों ने लंबे वक्त तक अनशन पर बैठने का काम किया था लेकिन सरकार की तरफ से सिर्फ आश्वासन मिलता रहा इनकी मांगों पर कोई भी सुनवाई नहीं हुई।

सड़क से संसद तक इनकी आवाज को पहुंचाया गया है, कई सांसदों ने लोकसभा में भी इनकी मांगों को लेकर शून्य काल के अंदर प्रश्न उठाए थे। लेकिन सरकार के तरफ से कोई जवाब अभी तक नहीं मिला। यह है कि आखिर सरकार एसएससी जीडी 2018 में पास हुए छात्रों को ज्वाइन क्यों नहीं करवा रहे हैं इसके पीछे का क्या कारण है। छात्रों की पीड़ा सुनने के बाद साफ तौर पर मालूम होता है कि हक और रोजगार की मांग को लेकर जो छात्रा सड़क पर है वह कहीं ना कहीं देश के भविष्य है। लेकिन आज ये सिस्टम और सरकार के सामने लाचार हैं। सवाल उठता है की इनके सपने अब सिर्फ आंदोलनों में सिमटकर रह जाएगी या सरकार इनके लिए भी कुछ उचित कदम उठाएगी।