टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (30/07/22): दिल्ली में शराब नीति को लेकर घमासान और आरोप प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों मिलकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को लगातार घेरने की कोशिश कर रही है। बबाल बढ़ते और एलजी द्वारा शराब नीति की सीबीआई जांच की घोषणा के बाद भले हीं दिल्ली सरकार ने इस नीति को वापस ले लिया है लेकिन राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।
जब दिल्ली सरकार ने घोषणा की कि सरकार नई शराब नीति को वापस लेती, तब से बीजेपी और कांग्रेस में क्रेडिट लेने की होड़ मची है। बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने इसे पीएम मोदी, अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जीत बतलाया। वहीं बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इसे जनता का जीत बतलाया है। इस बीच दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अनिल चौधरी ने कहा की ये जीत कांग्रेस पार्टी के हर वो कार्यकर्ता की जीत है जो इस नीति के खिलाफ लगातार सरकार के खिलाफ लड़ी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि जब से शराब नीति दिल्ली की सरकार लाई थी तभी से कांग्रेस पार्टी इसका लगातार विरोध कर रहे थी और इसी का परिणाम है कि केजरीवाल को ये नीति वापस लेनी पड़ी। अनिल चौधरी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना काल में केजरीवाल को दिल्लीवासियों की चिंता नहीं थी इन्हें शराब की राजधानी बनाने को लेकर चिंता थी।
अनिल चौधरी ने कहा कि जो शराब नीति के अंतर्गत दिल्ली की केजरीवाल सरकार के साथ बीजेपी ने मिलकर घोटाला किया है उसकी सीबीआई की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पंजाब चुनाव से पहले दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इस नीति को लाया पंजाब चुनाव सेस का क्या कनेक्शन है इसकी भी जांच होनी चाहिए।