टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (28/07/2022): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरुवार को गुजरात दौरे पर हैं। उन्होंने साबर डेयरी की कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज साबर डेयरी का विस्तार हुआ है। सैकड़ों करोड़ रुपए के नए प्रोजेक्ट यहां लग रहे हैं। आधुनिक टेक्नॉलॉजी से लैस मिल्क पाउडर प्लांट और ए-सेप्टिक पैकिंग सेक्शन में एक और लाइन जुड़ने से साबर डेयरी की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि दो दशक पहले यहां क्या स्थितियां थी, ये आप भी जानते हैं और मैंने भी भलीभांति देखा है।आजकल हम गुजरात के कई हिस्सों में अतिवर्षा की चुनौती से जूझ रहे हैं। लेकिन बारिश आना ही गुजराती के लिए इतना बड़ा सुख और संतोष होता है, इसका अंदाजा बाहर के लोगों को नहीं है। जैसे जैसे सिंचाई की सुविधाओं का गुजरात में विस्तार हुआ, वैसे वैसे कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में हमनें बहुत विकास किया और डेयरी ने उसे बहुत बड़ी ताकत दिया है। अर्थव्यवस्था को डेयरी ने स्थिरता भी दी, सुरक्षा भी दी और प्रगति के नए अवसर भी दिए।
उन्होंने कहा कि गुजरात में बीते 2 दशक में जो व्यवस्थाएं तैयार हुई, आज उसके बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। आज गुजरात का डेयरी मार्किट 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। गुजरात में सहकारिता की एक समृद्ध परंपरा रही है, और संस्कार भी है। तभी तो सहकार है और सहकार है, तभी तो समृद्धि है। दूध से जुड़े सहकारी आंदोलन को जो सफलता मिली है, इसका विस्तार अब हम खेती से जुड़े बाकी क्षेत्रों में भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश में आज 10 हजार किसान उत्पादक संघ FPOs के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इन FPOs के माध्यम से छोटे किसान फूड प्रोसेसिंग से जुड़ी, एक्सपोर्ट से जुड़ी वैल्यू और सप्लाई चेन से सीधे जुड़ पाएंगे। इसका बहुत अधिक लाभ गुजरात के किसानों को भी होने वाला है। उन्होंने कहा कि किसान की आय बढ़ाने के लिए जो प्रयास बीते 8 वर्षों में केंद्र सरकार ने किए हैं, उसकी वजह से गुजरात समेत देश के अलग अलग हिस्सों में किसानों की आय में बढ़ोतरी देखी जा रही है। किसानों की आय में बागवानी, पशुपालन, मछलीपालन की वजह से भी काफी वृद्धि हुई है। छोटे जमीन वाले किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है। यानी फसलों के अलावा आय के वैकल्पिक माध्यमों पर काम करने की रणनीति आज काम आ रही है।
उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग भी इसका एक उत्तम उदाहरण है। खादी ग्रामोद्योग का टर्नओवर पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर गया है। यही कारण है कि बीते 8 वर्षों में इसी क्षेत्र से डेढ़ करोड़ से ज्यादा रोजगार गांव में बनें हैं। 2014 तक देश में 40 करोड़ लीटर से भी कम इथेनॉल की ब्लेंडिंग होती थी। आज ये करीब 400 करोड़ लीटर तक पहुंच रहा है। हमारी सरकार ने बीते 2 वर्षों में विशेष अभियान चलाकर 3 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए हैं। खेती की लागत कम करने पर भी हम लगातार काम कर रहे हैं। नीम कोटिड यूरिया, खाद के बंद पड़े कारखानों को फिर से शुरू करने का काम किया गया है।