टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (20/07/2022): कुलदीप कौशिक द्वारा लिखित एवं निर्देशित 5 अगस्त, 2022 को रिलीज के लिए तैयार फिल्म ‘नार का सुर’ आखिर है क्या? सवाल बहुत बड़ा है, लेकिन किसके लिए? इसका जवाब है, उनके लिए जिन्होंने इस कहानी को जिया है, या फिर उनके लिए जिन्होंने इस कहानी को जीवन दिया। या फिर उनके लिए जिनके लिए इस कहानी की रचना की गई। शायद सभी का नज़रिया अलग हो, लेकिन ‘नार का सुर’ की कहानी का महत्व सबके लिए एकसमान है।
दरअसल, ‘नार का सुर’ किसी कहानी का शीर्षक मात्र नहीं है, बल्कि समाज के पुरुष प्रधान सोच पर एक प्रहार है। यह एक प्रयास है नारी को उचित सम्मान दिलाने का। एक मिसाल है बुराई पर अच्छाई की जीत का। एक उम्मीद है बेहतर समाज के निर्माण की। सच तो यह है कि ‘नार का सुर’ सिर्फ कागज़ों में कैद एक कहानी नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवन दर्शन है।
‘नार का सुर’ कहता है कि नारी प्रतिबिंब है उस ब्रह्मांड शक्ति का, जिसके आंचल मे ना जाने कितने ही जीवन पल रहे हैं। हम अपने देश को भी भारत मां कहकर संबोधित करते हैं, क्योंकि एक मां से अधिक प्रेम अपनी संतान से कोई नहीं कर सकता। लेकिन, दुर्भाग्य है कि आज एक ओर जहां समाज मे हम नारी सम्मान की बातें करते हैं, नारी को देवी का स्वरूप मानते हैं, उसी समाज में कुछ ऐसे विक्षिप्त मानसिकता वाले लोग भी हैं जो अपनी आजादी के नाम पर हमारे देवी—देवताओ का मजाक बनाकर हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। विडंबना यह कि हमारे देश में ऐसी निम्न मानसिकता वाले लोगों का समर्थन करने वालों की भी कमी नहीं है जिससे ये समाज के नायक बन जाते हैं और हमारा युवा वर्ग, जो अपने इतिहास से अनभिज्ञ है, बिना किसी तथ्य को जाने इनका अनुसरण करने लग जाता है। जबकि, ऐसा नहीं होना चाहिए।
यदि हमने अपने शास्त्र, अपने देवी-देवताओं की गरिमा की सुरक्षा नहीं की तो आने वाला वक्त इतना भयावह होगा जिसकी कल्पना मात्र से ही ह्रदय कांप उठता है। इन सबका दुष्प्रभाव सबसे ज्यादा किस पर आएगा? हमारी माताओं— बहनों पर, हमारी नारियों पर। फिल्म ‘नार का सुर’ मैं मां काली और मां दुर्गा को पूरे सम्मान के साथ दिखाया और फिल्माया गया हैअगर हम खुद कुछ नहीं कर रहे तो कम से कम उनका समर्थन तो कर ही सकते हैं जो इस कार्य में पूर्ण रुप से प्रयासरत हैं।
फिल्म ‘नार का सुर’ की कहानी किसी से प्रार्थना नहीं करती कि आप नारी को सम्मान देकर उन पर उपकार कीजिए, अपितु यह कहानी नारी को उनकी शक्ति का एहसास दिलाती है कि अगर वह चाहे तो पलभर में समाज को सुधार सकती हैं, क्योंकि नारी में उस काली माता का वास है जिनके क्रोध को शांत करने के लिए स्वयं देवों के देव महादेव को उनके चरणो के नीचे आना पड़ा था।
विकल्प आपके सामने है। अब निर्णय आपको लेना है कि आप किसके साथ हैं। समाज के ऐसे लोगों के साथ जो प्रतिपल आपकी भावनाओ का माखौल बना रहे हैं या फिर ‘नार का सुर’ के साथ जो नारी सम्मान और एक उत्तम समाज निर्माण के लिए प्रयत्नशील है।
महिला सशक्तिकरण का मजबूत संदेश देने वाली फिल्म ‘नार का सुर’ 5 अगस्त, 2022 को रिलीज के लिए तैयार है। निर्माता सुनील तायल के साथ स्टेप बाय स्टेप हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड और माया मूवीज द्वारा सह-निर्मित इस फिल्म का निर्देशन कुलदीप कौशिक ने किया है। फिल्म के सह निर्माता विकास जैन है