टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (18/07/2022): आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आज राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि सिंगापुर की सरकार ने दिल्ली मॉडल पर चर्चा के लिए अरविंद केजरीवाल को बुलाया तो मोदी को ग़ुस्सा आया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए कहा तीन बार के निर्वाचित CM को सिंगापुर जाने की इजाज़त क्यों नही? उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत सदन के अन्य कार्यों को स्थगित कर संघवाद को बचाने के लिए आज इस विषय पर सदन में चर्चा कराई जाए।
उन्होंने पत्र में कहा कि “सिंगापुर सरकार द्वारा वर्ल्ड सिटी सम्मेलन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के विकास मॉडल के बारे में दुनिया को बताने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन भारत सरकार द्वारा अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं दी गयी। यह भारत के लिए बड़े ही गर्व की बात है, कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को दुनिया के मंच पर दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और महिलाओं की फ्री यात्रा के बारे में समझाने के लिए बुलाया जा रहा था। किंतु सरकार ने उन्हें यात्रा की अनुमति न देकर संघीय ढाँचे पर एक बार फिर चोट की है। एक तरफ तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है जो दुनिया के बड़े-बड़े मंचों पर दिल्ली के विकास मॉडल से भारत का नाम रोशन कर रहे हैं वहीं दूसरी और केंद्र सरकार है जो मुख्यमंत्री को यात्रा की अनुमति देने से भी डर रही है।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “केंद्र सरकार ने सरकारी जमीन, एयरपोर्ट और टैंडर चंद पूँजीपतियों को सस्ते दामों में देने के साथ ही उनका लाखों करोड़ों रुपयों का कर्ज माफ करके पूरे देश की आर्थिक स्थिति बदहाल कर दी। लेकिन दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने 300 यूनिट फ्री बिजली, फरिश्ते योजना, फ्री बस यात्रा, पानी, दवा सब कुछ देकर आम इंसानों की जरूरतों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि जिसकी चर्चा संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी हो रही है। लेकिन, केंद्र सरकार को यह सहन नहीं हो पा रहा है कि दिल्ली में लोगों के लिए अरविंद केजरीवाल की सरकार द्वारा किए गए बेहतरीन कामों को तमाम अंतर्राष्ट्रीय मंचों से वाहवाही मिले। जिसकी वजह से केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को सिंगापुर जाने से रोक दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम गलत राजनीति का संकेत देता है जो संघवाद को चोट पहुंचाने के साथ ही भारत की छवि को भी खराब कर रहा है।”