जाने दिल्ली में कैसे बसी पंढरी, श्री विट्ठल मंदिर संस्थान के उपाध्यक्ष, महासचिव से टेन न्यूज की विशेष मुलाक़ात

टेन न्यूज नेटवर्क

दिल्ली (15/07/2022): “विठोबा – रखुमाई “ , “ज्ञानबा – तुकाराम “ इन जयघोषों से , अभी हाल ही में रविवार 10 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी के प्रांजल एवं पावन अवसर पर दिल्ली की पंढरी गूंजी थी ।

 

दिल्ली के श्री विठ्ठल मंदिर संस्थान , सेक्टर-6 , आरके पुरम में तीर्थक्षेत्र पंढरपुर जैसा नजारा श्रद्धालुओं को देखने को मिला ।

आपको बता दें श्री विट्ठल मंदिर में महापूजा एवं महाआरती की व्यवस्थाओं के साथ साथ सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन करने की भी पूरी व्यवस्थाएं है।

 

आपको बता दें कि हिंदुस्तान को विश्व में संस्कृति एवं संस्कारों का “पालना” कहा जाता है। भारत जैसे प्रांजल धरा पर जहां अलग- अलग राज्यों की ,अलग- अलग क्षेत्रों की अपनी एक खास संस्कृति है। उनका एक अलग खान-पान है, आपसी सामंजस्यन एवं संवाद हेतु उनकी अपनी अलग भाषा है। इतनी विविधताओं के बाबजूद भी जो एकता है यही हिंदुस्तान के विकास, मजबूती एवं समृद्धि का मूल कारण है।

 

इस बाबत दिल्ली के श्री विठ्ठल मंदिर के उपाध्यक्ष और जाने माने वरिष्ठ आर्किटेक्ट माधव नाईक ने टेन न्यूज नेटवर्क के साथ खास मुलाक़ात में मंदिर से जुड़े इतिहास में बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा – यह मंदिर सिर्फ मंदिर ही नहीं है, क्योंकि जब आज लगभग ५० साल पहले दिल्ली महाराष्ट्र कम्यूनिटी अपने लिए कुछ ऐसी चीज चाहते थे वो सिर्फ महाराष्ट्रीयन नहीं हो सिर्फ अपनी हो। जो उनको दिल्ली में महाराष्ट्र जैसा प्रेम भाव का अनुभव कराएगा । इसलिए आज से लगभग 50 साल पहले दिल्ली में श्री विठ्ठल मंदिर संस्थान की विट्ठल भक्तों , संगीत एवं नाट्य प्रेमियों और समाज सेवी द्वारा स्थापना की गई। ताकि श्री विठ्ठल मंदिर के स्थान से – माध्यम से महाराष्ट्र संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ साथ लोगों में एक दूसरे के प्रति प्रेम भाव, करूणा और अपनापन का भाव बना रहे। आगे उन्होंने कहा कि श्री विठ्ठल मंदिर को वास्तुशास्त्र के अनुसार स्थापित किया गया है। और मंदिर सीमेंट के खंभे पर नहीं , अपितु मंदिर से जुड़े लोगों के कंधों पर खड़ा हुआ है।

 

दिल्ली के श्री विठ्ठल मंदिर के महासचिव राजू चव्हाण ने टेन न्यूज नेटवर्क से विशेष मुलाक़ात के दौरान मंदिर की अन्य व्यवस्थाओं के बारे में बताया – श्री विठ्ठल मंदिर में पूजा अर्चना के साथ धार्मिक – सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजनों की भी व्यवस्था की गई है। बहुत से लोग महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों से दिल्ली आते है। इसलिए मंदिर में उनके निवास के लिए ११ AC और Non AC कमरों की सुविधा है।

 

आगे उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़ा गणेश मंडप और बड़ा खुला आंगन है। लोग यहां अपनी इच्छा अनुरूप कम पैसे देकर यहां ठहर सकते हैं। और साथ ही अन्य सामाजिक और सांस्कृतिक व विवाह समारोह कार्यक्रम कम पैसे में भगवान विट्ठल की छत्रछाया में सम्पन्न कर सकते हैं। साथ ही श्री राजू चव्हाण ने भक्तों एवं देश वसियों को भक्ति परंपरा को आगे बढ़ाने और बेहतर मंदिर स्थल बनाने हेतु , दान , सेवा और वस्तु भेंट के लिए विशेष आग्रह किया ।

पुंडलीक वर दे हरी विट्ठल ..

सूचना : सुविधाओं के बारे में अधिक जानकारी हेतु आप महा सचिव श्री राजू चव्हाण से सम्पर्क कर सकते है +91 98715 15167 ।