टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (14/07/2022): लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। दरअसल इसे लेकर बबाल मच गया था। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। केवल उन शब्दों को हटाया गया है जिन पर पहले आपत्ति की गई थी।
उन्होंने कहा कि पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था। कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द को प्रतिबंधित नहीं किया गया है, हमने उन शब्दों का संकलन जारी किया है जिन्हें हटा दिया गया है।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या उन्होंने (विपक्ष) 1,100 पन्नों की इस डिक्शनरी (असंसदीय शब्दों को मिलाकर) को पढ़ा है? उन्होंने कहा कि यह 1954 से लेकर 1986, 1992, 1999, 2004, 2009, 2010 में जारी की गई थी। 2010 से सालाना आधार पर रिलीज हो रही है।
उन्होंने कहा कि जिन शब्दों को हटा दिया गया है, वे विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में पार्टी द्वारा भी संसद में कहे और उपयोग किए गए हैं। केवल विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों के चयनात्मक निष्कासन के रूप में कुछ भी नहीं है।कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं है, उन शब्दों को हटा दिया है जिन पर पहले आपत्ति की गई थी।