संसद में जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, गद्दार, भ्रष्ट जैसे शब्दों पर लगा बैन, विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर साधा निशाना

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (14/07/2022): लोकसभा और राज्यसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान अब बहुत सारे शब्दों का इस्तेमाल करना ग़लत और असंसदीय माना जाएगा। दरअसल संसद का मानसूत्र सत्र 18 जुलाई से शुरू होने वाला इससे पहले लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की सूची तैयार की है, जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है।और इस सूची को सारे सांसदों को भेजा गया है। वहीं विपक्षी पार्टियों ने इसकी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा हैं।

कांग्रेस के महासचिव और संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने ट्वीट में लिखा है, “मोदी सरकार की सच्चाई दिखाने के लिए विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी शब्द अब ‘असंसदीय’ माने जाएंगे। अब आगे क्या विषगुरु?”

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट में लिखा है, ‘जुमलाजीवी’ से किसको डर होगा, जिसने जुमले दिए हों। ‘जयचंद’ शब्द से कौन डरेगा, जिसने देश से धोखा किया हो। ये संसद में शब्द बैन नहीं हो रहे हैं, पीएम मोदी का डर बाहर आ रहा है।

बता दें कि नए नियमों के मुताबिक जुमलाजीवी, कोरोना स्प्रेडर, जयचंद, गद्दार, घड़ियाली आंसू, भ्रष्ट, बाल बुद्धि, स्नूपगेट, शर्म, दुर्व्यवहार, विश्वासघात, ड्रामा, पाखंड, अक्षम, शकुनि, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए और पिट्ठू जैसे कई शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे।