पीएम मोदी ने देवघर में जनसभा को किया संबोधित, कहा- ‘शॉर्टकट की राजनीति देश को तबाह कर देती है’

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (12/07/2022): झारखंड के देवघर में आज मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक तरफ बाबा का आशीर्वाद और दूसरी तरफ ईश्वर का रूप जनता जनार्दन का आशीर्वाद कितनी बड़ी शक्ति देते हैं, ये आप भी जानते हैं और मैं भी। उन्होंने कहा कि अभी कुछ समय पहले मुझे पूज्य बाबा के चरणों में जाकर दर्शन और पूजन का मौका मिला। उससे पहले झारखंड के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपयों की योजनाओं को भी बाबा के और जनता जनार्दन के चरणों में अर्पित किया।

उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले की सरकारों में योजनाओं की घोषणा होती थी, फिर एक दो सरकार जाने के बाद कोई आकर एक-दो पत्थर लगाकर जाता था। पत्थर लटकता रहता था, दो-चार सरकारें चलने के बाद कोई और आता, फिर वो ईंट लगाता था, पता नहीं कितनी सरकारें जाने के बाद वो योजना सामने दिखती थी। आज हम उस कार्य संस्कृति को लाए हैं, उस राजनीतिक संस्कृति को लाए हैं, उस गवर्नेंस के मॉडल को लाए हैं कि जिसका शिलान्यास हम करते हैं उसका उद्घाटन भी हम करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यटन को बढ़ाने की जरूरत बताते हुए कहा कि आज पर्यटन दुनिया के अनेक देशों में एक आकर्षक उद्योग के रूप में रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम बना हुआ है। आज पूरी दुनिया में अनेक देश हैं, जिनकी पूरी अर्थव्यवस्था सिर्फ और सिर्फ पर्यटकों के भरोसे चल रही है। भारत के कोने-कोने में पर्यटन की शक्ति अपार है, बहुत सामर्थ्य पड़ा हुआ है, हमें इसे बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने काशी विश्वनाथ के विकास के बारे में बताते हुए कहा कि जबसे काशी में विकास ने गति पकड़ी है, काशी विश्वनाथ परिसर का सौन्दर्यकरण हुआ है, बनारस आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। तीन साल पहले की तुलना में इस साल वाराणसी में अभी तक 3 गुना अधिक यात्री आए हैं। मुझे विश्वास है कि जो परियोजनाएं आज हमने शुरू की हैं, वो झारखंड के विकास को नई गति देने जा रही हैं। कल आप दीप जला रहे थे, आज उमंग और उत्साह से उमड़ पड़े, और जहां तक मेरी नजर जा रही है वहां तक लोग ही लोग हैं, इसका मतलब है कि लोगों को विकास चाहिए। साथ ही उन्होंने केदारनाथ धाम का जिक्र करते हुए कहा कि केदारनाथ धाम में जब वहां पुनर्निर्माण नहीं हुआ था और सुविधाएं नहीं बढ़ी थी तो कपाट खुलने के शुरुआती 2 महीनें में औसतन 2 से 2.5 लाख यात्री वहां आते थे। इस साल कपाट खुलने के शुरुआती 2 महीनों में ही करीब 9 लाख श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं।

इसके अलावा उन्होंने शॉर्टकट की राजनीति को देश के लिए चुनौती बताते हुए कहा कि आज हमारे देश के सामने एक ऐसी चुनौती आ खड़ी हुई है, जिसे हर देशवासी को जानना और समझना है। ये चुनौती है, शार्टकट की राजनीति की। बहुत आसान होता है लोक लुभावने वादे करके, शार्टकट अपनाकर लोगों से वोट बटोर लेना। शार्टकट वालों को ना मेहनत करनी पड़ती है और ना ही उन्हें दूरगामी परिणामों के बारे में सोचना पड़ता है। लेकिन ये बहुत बड़ी सच्चाई है कि जिस देश की राजनीति शॉर्टकट पर आधारित हो जाती है, उसका एक ना एक दिन शॉट सर्किट भी हो ही जाता है। शॉर्टकट की राजनीति देश को तबाह कर देती है। भारत में हमें ऐसी शॉर्टकट अपनाने वाली राजनीति से दूर रहना है।